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इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की फंडिंग के लिए बनेगा डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन, कैबिनेट ने दी मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन (डीएफआई) के गठन के विघेयक को मंजूरी...
इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की फंडिंग के लिए बनेगा डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन, कैबिनेट ने दी मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन (डीएफआई) के गठन के विघेयक को मंजूरी दी है। देश में डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन इनवेस्टमेंट बैंक के रूप में काम करेगा। इसके जरिए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को फंड दिया जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट 2021 के दौरान हमने कहा था कि हम इंफ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंटल एक्टिविटीज के लिए नेशनल बैंक बनाएंगे। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन को स्थापित करने के लिए मंजूरी दे दी है। प्रस्तावित डीएफआई में 50 प्रतिशत गैर-सरकारी निदेशक होंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि पहले भी अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स पाने के लिए कोशिशें की गईं लेकिन विभिन्न कारणों के चलते कोई ऐसा बैंक नहीं बन सका, जो डेवलपमेंट की फंडिंग कर सके और लॉन्ग टर्म रिस्क ले सके।

उन्होंने बताया कि डीएफआई लॉन्ग टर्म फंड्स को जुटाने में मदद करेगा। बजट 2021 इसे शुरुआती धनराशि मुहैया कराएगा। इस साल में लगभग 20000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जाएगी, शुरुआती ग्रांट 5000 करोड़ रुपये की होगी और ग्रांट के अतिरिक्त इंक्रीमेंट 5000 करोड़ रुपये की लिमिट में किए जाएंगे। आगे कहा कि सरकार डीएफआई के लिए कुछ सिक्योरिटीज जारी करने की भी योजना बना रही है। इससे फंड्स की लागत कम रहेगी। इन सभी चीजों से डीएफआईI को शुरुआती पूंजी का लाभ उठाने और विभिन्न स्त्रोतों से फंड जुटाने में मदद मिलेगी और भारत के बॉन्ड मार्केट पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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