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कैबिनेट का फैसला- प्रगति मैदान में 5-स्टार होटल बनेगा, 99 साल की लीज पर दी जाएगी 3.7 एकड़ जमीन

दिल्ली के प्रगति मैदान में एक फाइव स्टार होटल बनेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में...
कैबिनेट का फैसला- प्रगति मैदान में 5-स्टार होटल बनेगा, 99 साल की लीज पर दी जाएगी 3.7 एकड़ जमीन

दिल्ली के प्रगति मैदान में एक फाइव स्टार होटल बनेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। होटल बनाने के लिए 611 करोड़ रुपये में 3.7 एकड़ जमीन 99 साल की लीज पर दी जाएगी।

विस्तृत जानकारी देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि होटल के लिए इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (आइटीडीसी) और आइआरटीसी मिलकर एक कंपनी बनाएंगे। इसी कंपनी के नाम पर 3.7 एकड़ जमीन 99 साल के लिए लीज पर दी जाएगी। होटल जल्दी बनकर तैयार हो, इसके लिए यह कंपनी प्रतिस्पर्धी बिड के जरिए डेवलपर और ऑपरेटर का चयन करेगी। प्रगति मैदान में अभी इंटरनेशनल एक्जीबिशन और कन्वेंशन सेंटर बन रहा है। इसके 2020-21 तक बन कर तैयार होने की उम्मीद है। जावड़ेकर ने कहा कि दुनियाभर में होटल ऐसे सेंटर का अभिन्न अंग होते हैं।

लोकसभा, विधानसभाओं में एससी-एसटी को आरक्षण 10 साल के लिए बढ़ेगा

कैबिनेट ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एससी और एसटी के लिए आरक्षण को 10 साल के लिए बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। लोकसभा और विधानसभाओं में इनके लिए आरक्षण 25 जनवरी, 2020 को समाप्त होना था। इसे 25 जनवरी, 2030 तक लागू रखने के लिए सरकार मौजूदा शीतकालीन सत्र में ही विधेयक लाएगी। सूत्रों का कहना है कि एंग्लो-इंडियन समुदाय के सदस्यों के लिए आरक्षण खत्म कर दिया गया है। सरकार का सोचना है कि समुदाय अच्छा काम कर रहा है और इसलिए अब इसे आरक्षण की आवश्यकता नहीं है। यदि जरूरत लगी तो आरक्षण पर दोबारा विचार किया जाएगा। जावड़ेकर ने बताया कि संसद में अनुसूचित जाति के 84 और अनुसूचित जनजाति के 47 सदस्य हैं। राज्यों की विधानसभाओं में अनुसूचित जाति के 614 और अनुसूचित जनजाति के 554 सदस्य हैं।

डाटा संरक्षण बिल को भी कैबिनेट की मंजूरी

कैबिनेट ने आज निजी डाटा संरक्षण बिल को भी मंजूरी दी। पिछले दिनों सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि सरकार जल्द ही संसद में व्यक्तिगत डाटा संरक्षण कानून पेश करेगी। सरकार इसी सत्र में यह बिल संसद में पेश करेगी। बिल में व्यक्तिगत डाटा संग्रह, भंडारण और प्रसंस्करण, व्यक्तियों की सहमति, दंड और क्षतिपूर्ति, आचार संहिता और एक प्रवर्तन मॉडल पर व्यापक दिशानिर्देश शामिल किए जाने की संभावना है।

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