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गुजरात दंगों में हाईकोर्ट ने 14 दोषियों की सजा बरकरार रखी, पांच को किया बरी

गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ओड गांव में हुए नरसंहार मामले में 14 आरोपियों की सजा को बरकरार रखा है। इन...
गुजरात दंगों में हाईकोर्ट ने 14 दोषियों की सजा बरकरार रखी, पांच को किया बरी

गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ओड गांव में हुए नरसंहार मामले में 14 आरोपियों की सजा को बरकरार रखा है। इन सभी को कोर्ट से उम्रकैद की सजा मिली है। हालांकि हाईकोर्ट ने चार आरोपियों को बरी कर दिया है।

 इस नरसंहार में 23 लोगों को आनंद जिले में सांप्रदायिक दंगों के दौरान साल 2002 में जिंदा जला दिया गया था। एक स्पेशल ट्रायल कोर्ट ने साल 2012 में नरसंहार के मामले में 23 आरोपियों को दोषी करार दिया था। जिसमें से 18 को उम्रकैद और बाकी के पांच को 7 साल जेल की सजा दी गई थी।

ओड गांव में एक मार्च, 2002 को 23 मुस्लिमों को जिंदा जला दिया गया था। इस घटना को गोधरा रेलवे स्टेशन में 58 कार सेवकों या धार्मिक कार्यकर्ताओं की हत्या किए जाने के दो दिन बाद अंजाम दिया गया था। यह उन 9 बड़े दंगों के मामले में शामिल है जिसे कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त की गई विशेष जांच एजेंसी को जांच के लिए सौंपा गया था।

हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने पिछले महीने सभी 23 दोषियों की अपील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा लिया था। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दंगों की जांच के लिए विशेष जांच टीम ने सजा कम करने की दोषियों की अपील के खिलाफ अपील की थी।

 

 

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