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तेजस्वी इन सीटों पर चाहते हैं फिर से हो मतगणना, जानिए क्यों दिख रही है सरकार की उम्मीद

बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम भले ही आ गए हों और राज्य में एक बार फिर एनडीए की अगुवाई में नीतीश कुमार...
तेजस्वी इन सीटों पर चाहते हैं फिर से हो मतगणना, जानिए क्यों दिख रही है सरकार की उम्मीद

बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम भले ही आ गए हों और राज्य में एक बार फिर एनडीए की अगुवाई में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने पर मोहर लग गया हो लेकिन अभी भी राजधानी पटना में सियासी सरगर्मियां तेज हैं। चुनाव के दौरान कई सीटें ऐसी थीं जिन पर जीत का अंतर 1 हजार वोट से भी कम था, जिसकी वजह से राजद नेता तेजस्वी यादव को लगता है कि इन सीटों पर दोबारा मतगणना हुई तो उलटफेर हो सकता है। हाल ही में उन्होंने मतगणना में पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े किए और कहा कि यह जनादेश बदलाव का है। 

परिणाम की समीक्षा के लिए गुरुवार को तेजस्वी महगठबंधन के नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए चुनाव आयोग से मतों की गिनती दोबारा करने की मांग की। तेजस्वी ने कहा कि साजिश  के तहत उन्हें हराया गया है। महागठबंधन के प्रत्याशियों के साथ कम से कम 20 सीटों पर साजिश की गई है।

बता दें कि बिहार चुनाव के नतीजों में एनडीए को 125 सीटों के साथ बहुमत मिला है। जबकि आरजेडी की अगुवाई वाले महागठबंधन ने 110 सीटों पर जीत हासिल कर एनडीए को कड़ी चुनौती दी। लेकिन कुछ सीटों में कांटे की टक्कर देखने को मिली, जिसमें 11 सीटें ऐसी रही जहां जीत का अंतर 1 हजार वोट से भी कम रहा।

राज्य में सरकार बनाने के लिए जरूरी 122 के जादुई आंकड़े से महज तीन सीट अधिक जीतने वाला राजग छह सीट मात्र 12 से 951 वोट के अंतर से न सिर्फ जीतने में कामयाब रहा बल्कि इसके दम पर सत्ता भी हासिल कर ली। कांटे के मुकाबले वाली 11 सीटों में से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने सबसे अधिक पांच और और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक सीट अपनी झोली में डाली। अन्य पांच सीटों में से दो राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और एक-एक सीट भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) तथा निर्दलीय के खाते में गई।


इसी तरह इस बार 12 सीट पर जीत-हार का फैसला 2000 से भी कम वोट के अंतर से हुआ। ऐसी 12 सीटों में से चार कांग्रेस, तीन राजद, तीन जदयू और दो भाजपा जीतने में कामयाब रही।

-सबसे कम वोट वाली जीत हिसला विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिली, जहां जेडीयू के उम्मीदवार कृष्ण मुरारी ने आरजेडी के शक्ति सिंह को सिर्फ 12 वोट से मात दी। इस सीट पर विजेता को लेकर आरजेडी का विरोध भी देखने को मिला।

-बरबीघा की सीट पर जेडीयू के उम्मीदवार सुदर्शन कुमार ने कांग्रेस के गजानन शाही को महज 113 वोट से हराया।

-भोरे सीट पर भी प्रत्याशियों के बीच जीत-हार का अंतर सिर्फ 462 वोट का रहा। इस सीट से जेडीयू के सुनील कुमार को जीत मिली है। वहीं दूसरे नंबर पर सीपीआई (एम) (एल) के जितेंद्र पासवान रहे।

-बीजेपी के सत्य नारायण सिंह ने आरजेडी के उम्मीदवार को डेहरी सीट पर केवल 464 वोट के अंतर से हराया।

-बखरी की सीट पर जीत हार का अंतर 717 रहा।  बखरी विधानसभा सीट से सीपीआइ के उम्मीदवार सूर्यकांत पासवान ने जीत हासिल की है। बखरी विधानसभा सीट से सीपीआइ के उम्मीदवार सूर्यकांत पासवान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा उम्मीदवार रामशंकर पासवान को 777 वोटों के अंतर से हराया है।

-रामगढ़ विधानसभा से राजद के सुधाकर सिंह ने बसपा प्रत्‍याशी अंबिका सिंह को 187 वोटों से हराया।

-कुढ़नी विधानसभा सीट पर 712 वोट के अंतर से जीत तय हुई। यहां आरजेडी के अनिल कुमार ने बीजेपी के केदार प्रसाद गुप्ता को हराया।

-वहीं मटिहानी में 333 वोटों का अंतर रहा। यहाँ एलजेपी के राजकुमार सिंह ने जीत हासिल की है। राजकुमार सिंह ने मटिहानी विधानसभा क्षेत्र से 333 वोटों से जीत हासिल की है। राजकुमार सिंह को कुल 61364 वोट मिले हैं। वहीं उनके प्रतिद्वंदी और बाहुबली बोगो सिंह को 61031 वोट मिले हैं।

- चकई में 581 वोट के अंतर से विजेता का फैसला हुआ। यहां निर्दलीय उम्मीदवार सुमित कुमार सिंह ने आरजेडी सावित्री देवी को  हराया।

- बछवाड़ा की सीट पर जीत और हार का अंतर 699 रहा।यहां बीजेपी के सुरेन्द्र मेहता जीत चुके हैं। उन्होंने भाकपा के अवधेश कुमार राय को हराया।

- परबत्ता की सीट पर महज 951 वोट के अंतर से विजेता का फैसला हुआ। यहां जदयू की जीत हुई है। जदयू के डॉ. संजीव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी राजद के दिगंबर चौरसिया को 951 वोटों के अंतर से हराया

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