राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर, जो राज्य में 3,500 किलोमीटर लंबी पदयात्रा पर हैं । उन्होंने लोगों के साथ बातचीत की। प्रशांत ने कहा कि पदयात्रा के दौरान पता चला कि लोग बिहार में "बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार" से तंग आ चुके हैं।
किशोर, जो 2018 में जद (यू) में शामिल हुए थे, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सार्वजनिक आलोचना करने पर 2020 में उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। अपने जन सुराज अभियान के तहत प्रशांत पूरे बिहार में पैदल यात्रा कर रहे हैं। जिसका उद्देश्य लोगों से जुड़ना और उन्हें एक साथ लाना है।
इस बीच प्रशांत किशोर ने मुख्य्मंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि कुढ़नी उपचुनाव में भाजपा की जीत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी 'महागठबंधन' सरकार के खिलाफ लोगों के गुस्से को दर्शाती है।
मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) के घोड़ासहन क्षेत्र में पत्रकारों से बात करते हुए किशोर ने कहा, "लोग 'महागठबंधन' सरकार के प्रदर्शन से खुश नहीं हैं। आए दिन बढ़ती बेरोजगारी, महिलाओं के साथ दुराचार की घटनाओं से लोग गुस्से में हैं। उन्होंने कहा, मैं पिछले कई दिनों से लोगों के साथ बातचीत कर रहा हूं और मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूं कि राज्य की जनता भ्रष्टाचार से तंग आ चुकी है और वो बदलाव चाहती है।
5 दिसम्बर को हुए उपचुनाव में भाजपा ने बुधवार को सत्तारूढ़ बहुदलीय गठबंधन से कुढ़नी विधानसभा सीट छीन ली। कुढ़नी उपचुनाव का परिणाम नीतीश कुमार के खिलाफ लोगों के गुस्से का प्रतिबिंब है।
उपचुनाव के चलते नीतीश कुमार जैसे ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे लोगों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन करते हुए हंगामा किया, उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की यहां तक कि कुछ लोगों ने तो कुर्सियों तक को उछाला था। अब आप इस बात से अंदाज़ा लगा सकते हैं कि जनता में नीतीश कुमार के खिलाफ कितना गुस्सा है।