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दिलचस्प रहा बर्थ-डे गर्ल किरण खेर का फिल्म से राजनीति तक का सफर

फिल्म से राजनीति तक का सफर बखूबी तय करना यह सबके बस की बात नहीं, लेकिन थिएटर, बॉलीवुड और टीवी एक्ट्रेस किरण खेर ने यह सफर काफी शानदार तरीके से तय किया। किरण आज अपान 62वां जन्मदिन मना रही हैं। किरण वर्तमान में चण्डीगढ़ संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं।
दिलचस्प रहा बर्थ-डे गर्ल किरण खेर का फिल्म से राजनीति तक का सफर

बॉलीवुड की मंझी हुई अभिनेत्री किरण खेर का जन्म 14 जून 1955 को पंजाब के चंडीगड़ में एक सिख परिवार में हुआ था। किरण ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई चंडीगढ़ से पूरी की और स्नातक चंडीगढ़ के ही इंडियन थिएटर ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी से किया। इसके बाद किरण की शादी एक उद्योगपति से हुई। मुंबई के उद्योगपति गौतम बेरी और किरण दोनों का रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं चल पाया। किरण ने जिस वर्ष गौतम से तलाक लिया, उसी साल 1985 उनकी शादी फिल्म अभिनेता अनुपम खेर से हुई। पहले पति से किरण को एक बेटी भी है। किरण और गौतम के बेटे का नाम सिकंदर खेर है।

फिल्म जगत में कदम

किरण खेर ने अपना फिल्मी करियर 1983 में एक पंजाबी फिल्म ’आसरा प्यार दा’ से शुरु किया, जिसके बाद उन्होंने 1996 में अमरीश पुरी के साथ ‘सरदारी बेगम’ में काम किया। इस दौरान उनका काम काफी चर्चित भी रहा। किरण ने अपनी एक्टिंग की असली छाप 2002 में संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘देवदास’ में छोड़ी। इस दौरान उनकी एक्टिंग की हर किसी ने सराहना की। इसके बाद हिंदी सिनेमा की दिग्गज मां निरूपा रॉय के बाद अब मां के किरदार के लिए किरण खेर का नाम ही सबसे पहले आता है।

किरण खेर बॉलीवुड की मंझी हुई खिलाड़ी के रुप में जानी जाती हैं। ओम शांति ओम, जस्ट मैरिड, कभी अलविदा ना कहना, रंग दे बसंती, हम तुम, वीर-ज़ारा, मैं हूँ ना, कर्ज़, देवदास, सरदारी बेगम जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम कर उन्होंने बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई।

राजनीति में कदम

वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव में हिस्सा लेते हुए किरण खेर ने सक्रिय राजनीति में कदम रखा। भाजपा के टिकट पर वे चंडीगढ़ से चुनाव लड़ीं। उन्होंने इस दौरान कांग्रेस उम्मीदवार पवन बंसल और आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार और बॉलीवुड एक्ट्रेस गुल पनाग को हराकर जीत हासिल की। राजनीति के अलावा किरण खेर कई सालों से सामाजिक कार्यों से भी जुड़ी हुई हैं। उन्होंने भ्रूण हत्या के खिलाफ चलाए गए अभियान ‘लाडली’ में अहम भूमिका निभाई थी।

साथ ही, किरण कैंसर के खिलाफ चलाए गए अभियान ‘रोको कैंसर’ से भी जुड़ी रहीं। साल 2009 में वे भाजपा में शामिल हो गईं और उन्होंने देश भर में पार्टी के लिए प्रचार भी किया। इसी साल उन्होंने अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में भी हिस्सा लिया और चंडीगढ़ में भी इस आंदोलन का समर्थन किया। जब अन्ना के आंदोलन के बाद टीम के कुछ सदस्यों ने आम आदमी पार्टी बनाने का फैसला किया, तो उन्होंने इस बात का विरोध किया था।

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