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मैगी के विज्ञापन पर माधुरी दीक्षित को नोटिस

हरिद्वार के खाद्य विभाग ने माधुरी दीक्षित को नोटिस भेजकर पूछा है कि वह मैगी की पौष्टिकता के दावे किस आधार पर करती हैं।
मैगी के विज्ञापन पर माधुरी दीक्षित को नोटिस

विज्ञापनों में मैगी को पौष्टिक बताने का दावा अभिनेत्री माधुरी दीक्षित पर भारी पड़ सकता है। हरिद्वार के खाद्य विभाग ने इस मामले में माधुरी दीक्षित को नोटिस भेजा है। नोटिस में माधुरी के दावों पर सवाल खड़े करते हुए पूछा गया है कि क्‍या वे खुद रोज मैगी खाती हैं। विज्ञापनों में मैगी के पौष्टिक होने के दावे वह किस आधार पर करती हैं? नोटिस का जवाब माधुरी दीक्षित को 15 दिन के अंदर देना है। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। 

हरिद्वार के खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिलीप जैन ने बताया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के निर्देश पर दो दिनों में हरिद्वार से मैगी की सभी वैरायटी के पांच सैंपल लिए गए। इन्‍हें जांच के लिए उत्तराखंड की रूद्रपुर प्रयोगशाला भेज दिया गया है। वहां से मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब हे कि भातीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण देश भर में मैगी के नमूनों की जांच शुरू कराई है। इस सिलसिले में पिछले एक हफ्ते के दौरान हरिद्वार जिले में कई दुकानों से मैगी के सैंपल लिए गए। खाद्य विभाग ने मैगी का विज्ञापन करने वाली माधुरी दीक्षित से भी पूछा है कि जब मैगी में कई खतरनाक तत्‍व मिलने की बात सामने आ रही है तब वह किस आधार पर मैगी के पौष्टिक होने का दावा कर रही हैं। 

गौरतलब है कि मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया की वेबसाइट पर आटा मैगी के बारे में दावा किया गया है कि इसमें तीन रोटियों के बराबर फाइबर है जो शरीर सेहतमंद रहता है। जबकि यूपी के खाद्य विभाग की जांच में मैगी में हानिकारक लेड और मोनोसोडियम ग्लूटामैट (एमएसजी) की मात्रा मानक से अधिक पाई गई है। इस जांच के बाद मैगी को लेकर पूरे देश में हंगामा मचा है।  

 

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