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सेंसेक्‍स में 1624 अंकों की रिकॉर्ड गिरावट, रुपया 66.64 तक टूटा

कारोबार सत्र के दौरान सेंसेक्‍स में वर्ष 2008 से अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है जबकि एक दिन में सेंसेक्‍स के इतिहास की यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। निफ्टी भी 500 से ज्‍यादा अंकों की गिरावट के साथ 7800 के नीचे आ गया। उधर, रुपये में भी गिरावट का दौर जारी है और डॉलर के मुकाबले रुपया 66.64 तक टूट चुका है।
सेंसेक्‍स में 1624 अंकों की रिकॉर्ड गिरावट, रुपया 66.64 तक टूटा

चीन में मंदी की आशंका, एशियाई बाजारों में गिरावट और अमेरिकी बाजारों से मिले खराब संकेतों ने घरेलू शेयर बाजार में हाहाकार मचा दिया है। बंबई स्‍टॉक एक्‍सचेंज का सेंसेक्स 1,624.51 अंक की गिरावट के साथ 25,741.56 और निफ्टी 490.95 अंक गिरकर 7,809 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 1,700 अंक से भी अधिक टूट गया था। सबसे ज्‍यादा गिरावट रियल्‍टी, बैंकिंग, मेटल, इन्फ्रा‍ और एनर्जी सेक्‍टर के शेयरों में दर्ज की गई है।

शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मिले नकारात्मक रुझाानों को मुख्य वजह माना जा रहा है। चीन के शेयर बाजार में आज 8 फीसदी से ज्यादा गिरावट देखने को मिली है। रविवार को ही चीन सरकार ने अपने पेंशन फंड का पैसा बाजार में लगाने का फैसला किया था। सरकार ने 547 अरब डॉलर के पेंशन फंड को स्टॉक मार्केट में लगाने की मंजूरी दी थी। इससे पहले शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में भी आई भारी गिरावट देखी गई थी।

बाजार की इस गिरावट को इस बात का संकेत भी माना जा रहा है कि सरकार आर्थिक मोर्चे पर बहुत कामयाब होती नजर नहीं आ रही है। उसके दावों और फैसलों का जमीन पर असर दिखने में समय लग रहा है। आर्थिक सुधारों को लागू करने के मामले में भी उम्‍मीद के मुताबिक प्रगति नहीं हुई है। 

 

रुपया 66 के पार 

रुपये में बिकवाली का दबाव कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। हफ्ते की शुरुआत भी रुपये के लिए कमजोरी के साथ ही हुई है। यही नहीं, 1 डॉलर की कीमत तो अब 66.75 रुपये तक पहुंचने के कगार पर है। आज डॉलर के मुकाबले रुपया भारी गिरावट के साथ 66.64 के स्तर पर बंद हुआ है। इस तरह, रुपया 2 साल के निचले स्तर पर ही बना हुआ है। 
 
 
रघुराम राजन ने दिलाया भरोसा 
शेयर बाजार और रुपये की गिरावट के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि घबराने की बात नहीं है। उन्‍होंने भारतीय अर्थव्यवस्था पर पूरा भरोसा जताया है। राजन ने कहा, आरबीआई की शेयर बाजार के रफ्तार पर नजर है। दूसरी उभरती अर्थव्यवस्था के मुकाबले भारत कहीं बेहतर स्थिति में है। वैश्विक अनिश्चितताओं से निपटने के लिए देश को अपने घरेलू स्थिति और मजबूत करनी होगी। आर्थिक सुधारों से देश की ग्रोथ बढ़ाई जा सकती है। देश के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है। रुपये को संभालने के लिए इसके इस्तेमाल करने में नहीं हिचकिचाएंगे। 
 
 

निवेशकों को 7 लाख करोड़ रुपये का नुकसान

शेयर बाजार के धराशायी होने से निवेशकों को शेयर-संपत्ति में 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। प्रमोटर्स की बाजार हैसियत करीब 4 लाख करोड़ रुपये घट गई है। एफआईआई इस हिसाब से करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये के नुकसान में रहे। जबकि छोटे निवेशकों को करीब 75,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सभी सूचीबद्ध शेयरों के सकल मूल्य के लिहाज से निवेशकों की कुल शेयर संपत्ति शुक्रवार के कारोबार के अंत में 102.33 लाख करोड़ रपये थी, जो अब घटकर 95,28,536 करोड़ रुपये पर आ गई है। 

 

 

 

 

 

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