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जोर पकड़ने लगी गोल्‍ड स्‍कीम, सरकार को मिला 500 किलो सोना

शुरुआत में फीके रुझान के बावजूद केंद्र सरकार की स्‍वर्ण मौद्रिकरण योजना कामयाब होती नजर आ रही है। इस योजना के तहत अब तक घर या मंद‍िरों में रखा 500 किलोग्राम से ज्‍यादा सोना सरकार को मिल चुका है।
जोर पकड़ने लगी गोल्‍ड स्‍कीम, सरकार को मिला 500 किलो सोना

आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने आज ट्विट किया कि इस योजना के तहत 500 किलोग्राम से अधिक सोना जुटाया जा चुका हैं। योजना रफ्तार पकड़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार स्वर्ण बांड और स्वर्ण मौद्रिकरण योजना दोनों को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, सरकार ने अभी यह नहीं बताया कि यह 500 किलो सोना उसे किन-किन स्रोतों से प्राप्‍त हुआ है। माना जा रहा है कि मंदिरों के स्‍वर्ण भंडार की मदद से योजना को यह कामयाबी मिली है। 

स्वर्ण मौद्रिकरण योजना ने शुरुआत में धीमी रफ्तार पकड़ी थी लेकिन बाद में इसे और आकर्षक एवं सुविधाजनक बनाया गया। इस योजना के तहत बैंकों को 15 साल तक के लिए सोने का संग्रह कर इसकी नीलामी करने या समय-समय पर आभूषण निर्माताओं को उधार देने के लिए अधिकृत किया गया। इस प्रकार जमा सोने पर सालाना ढाई प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा। यह बचत बैंक जमाओं से भी कम है। 

स्‍वर्ण बांड योजना का दूसर चरण 18 जनवरी से 

उधर, सोने की हाजिर मांग में कमी लाने के मकसद से सरकार साॅवरेन स्वर्ण बांड योजना का दूसरा चरण 18 जनवरी को शुरू करने जा रही है।वित्त मंत्रालय के अनुसार स्वर्ण बांड योजना 18-22 जनवरी तक खुली रहेगी। पहले चरण की स्वर्ण बांड योजना नवंबर में शुरू की गई थी। इस दौरान सरकार ने 915.95 किलोग्राम सोने पर आधारित 246 करोड़ रपये मूल्य के स्वर्ण बांड की बिक्री की थी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैंकों के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशकों से कहा है कि वे सावरेन गोल्ड बांड योजना के दूसरे चरण में संभावित निवेशकों को निवेश के लिए प्रोत्साहित करने को अपना पूरा प्रयास करें। बैंकों के प्रमुखों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये जेटली ने योजना की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि सरकार आगामी चरणों में भी इस योजना का विस्तार करने की इच्छुक है।

स्वर्ण बांड 5 ग्राम, 10 ग्राम, 50 ग्राम और 100 ग्राम सोने के आधार पर जारी किए जाते हैं। इनकी परिपक्वता अवधि पांच से सात साल की है। इसमें ब्याज दर की गणना निवेश के समय धातु के मूल्य के हिसाब से की जाती है। स्वर्ण बांड योजना में कोई भी व्यक्ति सालाना 500 ग्राम तक निवेश कर सकता है। प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी ने 5 नवंबर को इस योजना का शुभारंभ किया था। गौरतलब है कि भारत हर साल करीब 1,000 टन सोने का आयात करता है और आयात बिल में तेल के बाद सोना दूसरा सबसे बड़ा घटक है। सोने का आयात घटाने के लिए सरकार ने ये नई योजनाएं शुरू की थीं। 

स्‍वर्ण बांड योजना के लिए अधिसूचना जारी 

आरबीआई ने 18 जनवरी को स्वर्ण बांड योजना की दूसरी किस्त शुरू करने की अधिसूचना आज जारी कर दी है। इसके मुताबिक, बांडों के लिए आवेदन बैंकों, डाकघरों, स्टाक होल्डिंग कारपोरेशन आफ इंडिया द्वारा 18-22 जनवरी के बीच स्वीकार किए जाएंगे और बांडों का निर्गम 8 फरवरी, 2016 को किया जाएगा। जेटली ने कहा, यह निवेशकों के लिए एक आकर्षक अवसर है। 

 

- आउटलुक टीम इनपुट 

 

 

 

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