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अगर नीति आयोग की चली तो सुरेश प्रभु रेल बजट पेश करने वाले आखिरी रेल मंत्री होंगे

नीति आयोग ने कहा है कि रेल बजट को अलग से पेश करने की बजाए उसे आम बजट के साथ ही पेश करना चाहिए। अगर इस सिफारिश को मान लिया गया तो सुरेश प्रभु संसद में रेल बजट पेश करने वाले आखिरी रेल मंत्री साबित होंगे। नीति आयोग ने मोदी सरकार से सिफारिश की है कि रेल बजट को अलग से पेश करना समय और पैसे की बर्बादी है। इसलिए इसे आम बजट के साथ ही पेश किया जाना चाहिए।
अगर नीति आयोग की चली तो सुरेश प्रभु रेल बजट पेश करने वाले आखिरी रेल मंत्री होंगे

अंग्रेजी मीडिया के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय ने ही इस मसले पर नीति आयोग से सलाह मांगी थी। जिसके जवाब में आयोग ने प्रधानमंत्री को 20 पन्नों की एक रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट का सार यह है कि रेल बजट अलग से पेश करना अब बंद कर दिया जाना चाहिए। पीएमओ इस सिफारिश पर जल्दी ही अमल कर सकता है। इस बारे में उसकी आर्थिक विभाग, वित्त सचिव और कैबिनेट सचिव से बात हो चुकी है। 

आयोग के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने रिपोर्ट में कहा है कि ब्रिटिश राज के समय से चली आ रही इस परंपरा को ढोते रहने का कोई मतलब नहीं है। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि कैसे रेल बजट को आम बजट के साथ ही पेश किया जा सकता है। रिपोर्ट में इसे बेकार का खर्च बताया गया। आयोग के एक और अर्थशास्त्री किशोर देसाई ने कहा कि रेल बजट कभी अपने उद़देश्‍य को पा नहीं सका। यह एक तरह से बोझ बन गया।

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