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मंत्रिमंडल ने खनिज खोज नीति को दी मंजूरी

राष्ट्रीय खनिज खोज नीति (एनएमईपी) को बुधवार को मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई। इससे 100 संभावित खनिज ब्लाक की नीलामी का रास्ता तैयार हुआ है और देश की खनन संभावना में बढ़ोतरी होगी।
मंत्रिमंडल ने खनिज खोज नीति को दी मंजूरी

एक सूत्र ने कहा, मंत्रिामंडल ने आज एनएमईपी को मंजूरी दी। नीति को मंजूरी देने के बाद सरकार 100 ब्लॉक की नीलामी कर सकती है जिसकी पहचान भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण (जीएसआई) ने खोज के लिए की है। खान मंत्रालय ने देश में खनिज खोज को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय खनिज खोज ट्रस्ट (एनएमईटी) को पहले ही अधिसूचित कर दिया है।

इससे पहले राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा था, एनएमईपी के जरिए जीएसआई, एमईसीएल और अन्य अधिसूचित सरकारी एजेंसियों को शामिल करने के साथ-साथ सरकार निजी क्षेत्र को भी खनिजों की खोज के काम में आकर्षित करना चाहती है। इससे राज्यों की भी भूमिका बढेगी और वे अपनी ओर से खनिजों की खोज की परियोजनाओं की सिफारिश कर सकेंगे जिन्हें एनएमईटी के जरिए विकसित किया जा सकेगा। इस अधिकारी ने कहा था कि एनएमईपी की प्रमुख विशेषताओं में खनिज ढूंढने के काम में निजी निवेश के लिए आकर्षक प्रावधान शामिल हैं। एनएमईपी में खनिजों की क्षेत्र एवं ब्योरेवार खोज में शामिल निजी इकाइयों को खनिज ब्लाक की ई-नीलामी में सफल बोलीकर्ताओं से खनन कारोबार में राज्यों को प्राप्त होने वाले राजस्व (राज्यों को मिलने वाली रायल्टी या प्रीमियम के) का एक निश्चित हिस्सा मिलेगा। यह भुगतान उन्हें पूरे उत्खनन-पट्टे की अवधि में वार्षिक आधार पर या एक मुश्त किया जा सकता है। नीति में प्रस्ताव किया गया है कि निजी क्षेत्र की खनिज अन्वेषण कंपनियों का चयन ई-नीलामी के जरिए प्रतिस्पर्धात्मक बोली की पारदर्शी प्रक्रिया के जरिए होगा। भारत में भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग द्वारा चिह्नित संभावित खनिज क्षेत्र के केवल 10वें हिस्से में ही खनिजों खोज की गयी और खनन का काम केवल 1.5-2 प्रतिशत क्षेत्रा में ही हुआ है।

 

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