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वर्ल्ड बैंक की रैंकिंग में भारत ने लगाई 30 अंकों की छलांग, सौंवे नंबर पर पहुंचा

विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग में ऐतिहासिक सुधार हुआ है। भारत ने रैंकिंग...
वर्ल्ड बैंक की रैंकिंग में भारत ने लगाई 30 अंकों की छलांग, सौंवे नंबर पर पहुंचा

विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग में ऐतिहासिक सुधार हुआ है। भारत ने रैंकिंग में 30 स्थानों की छलांग लगाई और 100वां स्थान हासिल किया है। इसकी जानकारी वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस उपलब्धि पर खुशी जताई। उन्होंने इसका श्रेय टीम इंडिया के आलराउंड प्रदर्शन और विभिन्न क्षेत्रों में हुए सुधारों को दिया। मोदी ने कहा कि पिछले तीन साल में व्यापार करने की सकारात्मक प्रतिस्पर्धा के कारण ही यह संभव हुआ है। मोदी ने आशा जताई कि ‘रिफॉर्म, पर्फार्म और ट्रांसफार्म’ की भावना से काम करते हुए रैंकिंग में और सुधार आएगा।

अरुण जेटली ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो लगातार संरचनात्मक सुधार ला रहा है। उन्होंने कहा कि एक साल में तीस अंक की उछाल हासिल करने वाला भारत एकमात्र देश है। यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब मोदी सरकार जीएसटी और नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था में आई नरमी को लेकर विपक्ष के निशाने पर है।

यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल की अघ्यक्ष निशा देसाई बिश्वाल ने भी कहा है कि रैंकिंग में छलांग लगाने के बाद भारत को और भी ज्यादा एफडीआइ हासिल करने में मदद मिलेगी। फिक्की के अध्यक्ष पंकज पटेल ने भी भारत की रैंकिंग में सुधार पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि यह बड़ी उपलब्धि है जिससे भारत में व्यापार की इच्छा रखने वालों का उत्साह बढ़ेगा।अपनी सालाना रिपोर्ट ‘डूइंग बिजनेस 2018: रिफार्मिंग टू क्रिएट जॉब्स’ में विश्वबैंक ने कहा कि भारत की रैंकिंग 2003 से अपनाए गए 37 सुधारों में से करीब आधे का पिछले चार साल में किए गए क्रियान्वयन को प्रतिबिंबित करता है। हालांकि, रैंकिंग में जीएसटी क्रियान्वयन के बाद के कारोबारी माहौल पर गौर नहीं किया गया है। इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से 1.3 अरब की आबादी वाला देश एक कर के साथ एक बाजार में तब्दील हुआ और व्यापार के लिए राज्यों के बीच की बाधाएं दूर हुई है।

भारत पिछले साल 190 देशों की सूची में 130वें स्थान पर था। इस साल के आकलन में यह शीर्ष 10 सुधारकर्ता देशों में एक है। कारोबार सुगमता के 10 संकेतकों में से आठ में सुधारों को क्रियान्वित किया गया। यह पहला मौका है जब भारत इस मामले में पहले 100 देशों में शामिल हुआ है।

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