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15 October 2024

भारत ने कनाडा के राजनयिकों को निष्कासित किया तो पीएम ट्रूडो ने उगला जहर, लगाए ये नए आरोप

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर अपने नागरिकों पर हमला करने और उन्हें अपनी धरती पर असुरक्षित महसूस कराने के लिए अपने राजनयिकों और संगठित अपराध का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इसे नई दिल्ली की "बड़ी गलती" बताया है।

ट्रूडो ने ये टिप्पणियां सोमवार को उस दिन कीं, जिस दिन भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और कनाडा से अपने उच्चायुक्त और अन्य "लक्षित" अधिकारियों को वापस बुलाने की घोषणा की। 

भारत ने ओटावा के उन आरोपों को दृढ़ता से खारिज कर दिया, जिसमें राजदूत को सिख चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच से जोड़ा गया था। कनाडा ने छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित करने की भी घोषणा की है।

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भारत पिछले वर्ष निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता के कनाडा के आरोप को दृढ़ता से खारिज करता रहा है।

पिछले वर्ष सितम्बर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की "संभावित" संलिप्तता के आरोप लगाए जाने के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंध गंभीर तनाव में आ गए थे।

कनाडाई ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रूडो ने सोमवार को संवाददाताओं से बात की। इससे कुछ घंटे पहले आरसीएमपी के प्रमुख ने चौंकाने वाले आरोप लगाए थे कि भारत सरकार के एजेंट कनाडा में हत्याओं सहित "व्यापक हिंसा" में भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी थी कि इससे "हमारी सार्वजनिक सुरक्षा को गंभीर खतरा" पैदा हो सकता है।

ट्रूडो ने आरोप लगाया, "मेरा मानना है कि भारत ने अपने राजनयिकों और संगठित अपराध का इस्तेमाल कर कनाडाई लोगों पर हमला करने, उन्हें अपने घर में असुरक्षित महसूस कराने और इससे भी अधिक हिंसा और यहां तक कि हत्या की घटनाएं कराने का फैसला करके बहुत बड़ी गलती की है। यह अस्वीकार्य है।"

ट्रूडो ने ओटावा में एक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, "शुरुआत से ही, पिछली गर्मियों से, हम अपने फाइव आईज साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ, जहां न्यायेतर हत्या के प्रयास के संबंध में उन्हें भारत के समान व्यवहार का सामना करना पड़ा है।"

उन्होंने कहा, "हम अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे और कानून के शासन के लिए एक साथ खड़े होंगे।" अमेरिकी विदेश विभाग ने अभी तक अपने दो करीबी सहयोगियों और साझेदारों के बीच राजनयिक संकट पर कोई बयान नहीं दिया है।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत ट्रूडो सरकार द्वारा भारत के खिलाफ उग्रवाद, हिंसा और अलगाववाद को समर्थन दिए जाने के जवाब में भारत आगे कदम उठाने का अधिकार रखता है।

विदेश मंत्रालय ने कहा, "2018 में, उनकी भारत यात्रा, जिसका उद्देश्य वोट बैंक को लुभाना था, उनकी बेचैनी का कारण बनी। उनके मंत्रिमंडल में ऐसे व्यक्ति शामिल हैं जो भारत के संबंध में चरमपंथी और अलगाववादी एजेंडे से खुले तौर पर जुड़े हैं। दिसंबर 2020 में भारतीय आंतरिक राजनीति में उनके हस्तक्षेप से पता चलता है कि वह इस संबंध में किस हद तक जाने को तैयार हैं।"

सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रूडो ने कहा कि स्थिति बेहद अवांछनीय है। उन्होंने कहा, "हम न केवल यह चाहते हैं कि कनाडा के लोगों को उनके समुदायों और घरों में हिंसा का सामना करना पड़े, बल्कि हम यह भी नहीं चाहते कि भारत के साथ संबंधों में भी तनाव पैदा हो।"

ट्रूडो ने कहा, "यही कारण है कि पिछले सप्ताह हमने अपनी सुरक्षा एजेंसियों, राजनयिकों और पुलिस एजेंसियों के माध्यम से भारत सरकार से संपर्क किया, ताकि इस गहरे मतभेद को दूर करने का रास्ता खोजा जा सके। कनाडावासियों की सुरक्षा की जा सके। लेकिन भारत और कनाडा के बीच अच्छे संबंधों को नष्ट न किया जाए।"

उन्होंने कहा, दुर्भाग्यवश, भारत ने "हमारे साथ काम करने का विकल्प नहीं चुना है। उन्होंने इस सरकार को नकारने, उसे पीछे धकेलने और उसके खिलाफ व्यक्तिगत हमले करने तथा हमारी एजेंसियों और संस्थानों की ईमानदारी पर सवाल उठाने का विकल्प चुना है, और हमें कनाडाई लोगों की सुरक्षा के लिए जवाब देना पड़ा है।"

ट्रूडो ने कहा कि उन्होंने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और इस विषय पर बात की।

उन्होंने कहा, "जैसा कि आरसीएमपी आयुक्त ने पहले कहा था, उनके पास स्पष्ट और पुख्ता सबूत हैं कि भारत सरकार के एजेंट ऐसी गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं और अभी भी संलिप्त हैं, जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करती हैं, जिनमें गुप्त सूचना एकत्र करने की तकनीक, दक्षिण एशियाई कनाडाई लोगों को निशाना बनाकर बलपूर्वक व्यवहार करना, तथा हत्या सहित एक दर्जन से अधिक धमकी भरे और हिंसक कृत्यों में संलिप्तता शामिल है।"

ट्रूडो ने दावा किया कि यद्यपि आरसीएमपी और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों ने इस मामले पर भारत और उनके कानून प्रवर्तन समकक्षों के साथ मिलकर काम करने का प्रयास किया है, लेकिन उन्हें बार-बार मना कर दिया गया है।

उन्होंने आरोप लगाया, "यही कारण है कि इस सप्ताहांत कनाडाई अधिकारियों ने एक असाधारण कदम उठाया। उन्होंने आरसीएमपी साक्ष्य साझा करने के लिए भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की, जिससे यह निष्कर्ष निकला कि भारत सरकार के छह एजेंट आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त व्यक्ति हैं।"

उन्होंने दावा किया, "भारत से बार-बार अनुरोध के बावजूद उसने सहयोग न करने का निर्णय लिया है।"

भारत ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है और कनाडाई राजनयिकों को 19 अक्टूबर की रात 11:59 बजे तक या उससे पहले देश छोड़ने को कहा है।

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TAGS: India Canada relationship, justin Trudeau, canada pm, diplomats, expelled
OUTLOOK 15 October, 2024
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