Advertisement
31 October 2017

भारत की देखादेखी अपने सैनिकों को हिंदी सिखाएगा चीन

भारत से लगी सीमा पर तैनात अपने सैनिकों को चीन हिंदी सिखा सकता है। एक चीनी विशेषज्ञ के मुताबिक इससे सीमा पर भारतीय जवानों के साथ बेहतर संवाद बनाए रखने और गलतफहमी से बचने में मदद मिलेगी। भारत द्वारा अपने जवानों को मंदारिन सिखाने की खबरें सामने आने के बाद चीन ने इसके संकेत दिए हैं।

गतिरोध के समय चीनी सैनिकों के साथ संवाद बढ़ाने को लेकर इंडो-तिब्बत बॉर्डर फोर्स (आइटीबीपी) ने अपने जवानों को मंदारिन सिखाने का फैसला किया है। यह जवानों के बुनियादी प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होगा। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले सप्ताह आइटीबीपी की इसके लिए प्रशंसा भी की थी।

शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंस में रिसर्च फेलो हू जियोंग ने बताया, “डोकलाम विवाद के बाद चीन को लेकर भारत की चिंताएं बढ़ गई है। यही कारण है कि वह उसने अपने जवानों को मंदारिन भाषा सिखाने का फैसला किया है।“ उन्होंने कहा कि दोनों तरफ के सैनिकों को एक-दूसरे की संस्कृति, भाषा और परंपराओं की जानकारी होनी चाहिए। यह मित्रता बढ़ाने में मददगार होगा।

Advertisement

जियोंग ने कहा कि भारत का यह फैसला चीन से उसके सीखने का संकेत भी देता है। “खुद को और अपने लक्ष्य को जानो, तब तुम हमेशा जीतोगे“ यह चीन का फलसफा रहा है। तिब्बत में तैनात चीनी फ्रंटियर के एक सैनिक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर ग्लोबल टाइम्स को बताया कि भारतीय सैनिक मंदारिन में कभी-कभार ही बोलते हैं, ज्यादातर वे हिंदी में बात करते हैं। आमतौर पर दोनों तरफ के जवान अंग्रेजी में संवाद करते हैं। कभी-कभी संकेतों के माध्यम से भी संवाद किया जाता है। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Hindi, PLA troops, communication, Indian, भ्‍ाारत-चीन, मंदा‌र‌िन
OUTLOOK 31 October, 2017
Advertisement