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14 August 2020

संयुक्त अरब अमीरात-इजराइल के बीच समझौता मुसलमानों के ‘पीठ में छुरा घोंपना’ है: ईरान

ईरान के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इज़राइल के बीच बृहस्पतिवार को पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए हुए ऐतिहासिक समझौते की कड़ी निंदा की और इसे सभी मुसलमानों के पीठ में छुरा घोंपना करार दिया। सरकारी टीवी ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट में यह बताया।

गौरतलब है कि इसराइल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच रिश्तों को सामान्य करने को लेकर सहमति हो गई है जिसका ऐलान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने किया।
एक संयुक्त बयान में राष्ट्रपति ट्रंप, इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू और अबु धाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद अल नाहयान ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि, “इस ऐतिहासिक सफलता से मध्य पूर्व में शांति बढ़ेगी।”
उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, इसराइल वेस्ट बैंक के बड़े हिस्सों को मिलाने की अपनी योजना स्थगित कर देगा।

बता दें कि अभी तक इसराइल का खाड़ी के अरब देशों के साथ कोई राजनयिक संबंध नहीं था।

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हालांकि, इस इलाक़े में ईरान को लेकर इसराइल और अरब देशों की चिंताएँ समान हैं जिसके कारण दोनों पक्षों के बीच अनौपचारिक संपर्क होता रहा है।

वैसे खाड़ी के देशों से अलग, अरब के दो और देशों के साथ इसराइल के राजनयिक संपर्क हैं- जॉर्डन और मिस्र।
राष्ट्रपति ट्रंप के ऐलान के जवाब में इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यमिन नेतन्याहू ने हिब्रू भाषा में ट्वीट कर लिखा। “ऐतिहासिक दिन”। अमेरिका में यूएई के राजदूत यूसुफ़ अल ओतैबा ने एक बयान में कहा कि “ये कूटनीति और क्षेत्र के लिए एक जीत है।” साथ ही उन्होंने कहा, “ये अरब-इसराइल रिश्तों में ये एक महत्वपूर्ण बढ़त है, जो तनाव कम करेगी और सकारात्मक बदलाव के लिए नई ऊर्जा का निर्माण करेगी।”

1948 में इसराइल की स्वतंत्रता की घोषणा के बाद से ये सिर्फ तीसरा इसराइल-अरब शांति समझौता है।
इससे पूर्व मिस्र ने 1979 में और जॉर्डन ने 1994 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। आने वाले सप्ताह में इसराइल और यूएई का प्रतिनिधिमंडल मुलाक़ात करेगा और निवेश, पर्यटन, सीधी उड़ानों, सुरक्षा, दूरसंचार, तकनीक, ऊर्जा, स्वास्थ्य, संस्कृति, पर्यावरण और पारस्परिक दूतावासों की स्थापना को लेकर द्विपक्षीय समझौतों पर दस्तखत किए जाएंगे।

संयुक्त बयान के अनुसार दोनों देश “मध्य पूर्व के लिए रणनीतिक एजेंडा” लॉन्च करने में भी अमरीका के साथ जुड़ेंगे। नेताओं ने कहा कि क्षेत्र में ख़तरों और मौकों को लेकर उनका दृष्टिकोण एक जैसा है. साथ ही वो कूटनीतिक जुड़ाव, आर्थिक एकीकरण और सुरक्षा के माध्यम से स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए साझा प्रतिबद्धता भी जताते हैं।

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TAGS: संयुक्त अरब अमीरात-इजराइल समझौता, संयुक्त अरब अमीरात, इजराइल, मुसलमान, ईरान, UAE Israel deal, Muslims, Iran
OUTLOOK 14 August, 2020
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