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13 August 2021

तालिबान का आतंक, अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को निकालने फिर सैनिक भेजेंगे अमेरिका, इंग्लैंड और कनाडा

उत्तरी अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्से और करीब एक तिहाई प्रादेशिक राजधानियों पर तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका, इंग्लैंड और कनाडा जैसे देश एक बार फिर वहां अपनी सेना भेजने वाले हैं। इस बार सेना भेजने का मकसद वहां के दूतावासों से अपने नागरिकों को बाहर निकालना है। शुक्रवार को अफगानिस्तान के सबसे महत्वपूर्ण शहर कंधार पर भी तालिबान के कब्जे की खबर आई। कंधार तालिबान का जन्म स्थल भी माना जाता है। इस बीच अमेरिकी खुफिया सूत्रों ने कहा है कि अगले 30 दिनों के भीतर काबुल भी तालिबान के नियंत्रण में आ सकता है, और चंद महीने में तालिबान का कब्जा पूरे देश पर हो सकता है।

अफगानिस्तान के विभिन्न इलाकों में तालिबान के बढ़ते नियंत्रण के कारण अमेरिका ने कहा है कि वह अपने 3000 सैनिकों को वापस अफगानिस्तान भेजेगा ताकि वहां अमेरिकी दूतावास से अपने नागरिकों को निकाला जा सके। ये सैनिक काबुल एयरपोर्ट पर भेजे जाएंगे। अभी दूतावास में अमेरिका के करीब 1,400 नागरिक हैं और उनकी सुरक्षा के लिए लगभग 650 सैनिक तैनात हैं।

इंग्लैंड ने भी कहा है कि अफगानिस्तान में अपने नागरिकों की सुरक्षा और उन्हें वहां से निकालने के लिए वह 600 सैनिकों को भेजेगा। इसी तरह कनाडा ने भी विशेष फोर्स भेजने की घोषणा की है। हालांकि उसने यह नहीं बताया है कि कितने सैनिक भेजे जाएंगे। नाटो मिशन के तहत अफगानिस्तान में कनाडा के करीब 40,000 सैनिक 13 वर्षों तक तैनात थे। कनाडा ने 2014 में अपने सैनिकों को वहां से निकाल लिया। अमेरिका ने दो दशक रहने के बाद अपने सैनिक पिछले दिनों ही निकाले हैं।

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इस बीच पश्चिमी देश अपने दूतावासों में काम करने वाले अफगान नागरिकों को भी निकाल रहे हैं। कनाडा ने कहा है कि बीते एक दशक में उसने 800 अफगान नागरिकों को कनाडा में बसाया है। डेनमार्क ने कहा है कि वह ऐसे 45 अफगान नागरिकों को अपने यहां 2 साल के लिए रखेगा।

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TAGS: तालिबान, अफगानिस्तान, अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, Terror of Taliban, America, England, Canada, Afghanistan
OUTLOOK 13 August, 2021
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