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20 August 2021

तालिबान के लिए सरकार चलाना नहीं होगा आसान, सरकारी खजाने पर कब्जा जमाने के रास्ते बंद

तालिबान ने भले ही अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया है, मगर उसे देश के अधिकांश मौद्रिक भंडार और संपत्ति तक पहुंचने में लम्बा समय लग सकता है। वहीं इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ) का कहना है कि अफगानिस्तान में नई तालिबान सरकार को फिलहाल कोई कर्ज या दूसरे संसाधन नहीं मिलेंगे।

अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक के गवर्नर अजमल अहमदी ने कहा है कि देश का करीब 9 अरब डॉलर का आरक्षित मुद्रा भंडार विदेशों में है। उनके अनुसार देश में नकदी के तौर पर कोई विदेशी मुद्रा उपलब्ध नहीं है। अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक के प्रमुख अजमल अहमदी ने बुधवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी।

वहीं आईएमएफ ने एक बयान में कहा कि अफगानिस्तान के मामले में वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के विचारों को ध्यान में रखते हुए ही आगे बढ़ेगा। आईएमएफ एक अंतरराष्ट्रीय ऋण संगठन है, जिसके सदस्य देशों की तादाद 190 है।

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आईएमएफ ने कहा कि इस वक्त अफगानिस्तान में सरकार की मान्यता के संबंध में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के भीतर स्पष्टता का अभाव है, जिसके कारण देश को एसडीआर या अन्य आईएमएफ संसाधनों तक पहुंच उपलब्ध नहीं होगी। बता दें कि एसडीआर विशेष आहरण अधिकार हैं, जो एक रिजर्व के रूप में काम करता हैं, जिसका इस्तेमाल आईएमएफ सदस्य देश भुगतान दायित्वों को पूरा करने के लिए कर सकते हैं।

अहमदी के अनुसार देश की लगभग 9 अरब डॉलर की राशि में से 7 अरब डॉलर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बॉन्ड, संपत्तियों और सोने में जमा है। अहमदी ने साफ किया कि अफगानिस्तान के पास अमेरिकी मुद्रा का भंडार ‘शून्य’ है।

तालिबान द्वारा देश पर कब्जे के बीच देश को नकदी का भंडार नहीं मिल पाया है। अहमदी ने ट्वीट किया है कि नकदी की अगली खेप नहीं आ पाई। डॉलर की कमी से अफगानिस्तान की मुद्रा का मूल्य गिरेगा और महंगाई बढ़ेगी। इसका सीधा प्रभाव गरीब आम जनता पर पड़ेगा। अफगानिस्तान के सेंट्रल बैंक की लगभग 9.5 अरब डॉलर यानी करीब 706 अरब रुपये से ज्यादा की संपत्ति फ्रीज कर दी थी। अब कठिनाई यह है कि 20 साल बाद तालिबान ने अफगानिस्तान में वापसी तो कर ली, मगर उनके आगे का रास्ता कठिनाइयों से भरा होगा।

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TAGS: तालिबान, अफगानिस्तान, अमेरिका, अजमल अहमदी, Taliban, Afghanistan, America, Ajmal Ahmadi
OUTLOOK 20 August, 2021
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