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28 September 2015

सैप सेंटर में मोदी, आतंकवाद व यूएन के रवैये पर तीखा वार

आतंकवाद को लेकर संयुक्‍त राष्‍ट्र के रुख पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत 40 साल से आतंकवाद से परेशान है। यूएन तय करे कि कौन आतंकवाद के साथ खड़ा है, कौन इसके खिलाफ। ताकि हमें पता चले कि हमें किस रास्ते पर चलना है। लेकिन यूएन आज तक आतंकवाद की परिभाषा तय नहीं कर पाया है। गुड टेररिज्‍म और बैड टेररिज्‍म जैसी कोई चीज नहीं होती, आतंकवाद आतंकवाद होता है। अगर आतंकवाद की परिभाषा तैयार करने में इतने वर्ष लगेंगे तो इससे निपटने में कितने वर्ष लगेंगे। मोदी ने कहा कि हमने दुनिया के सभी देशों को पत्र लिखा है कि आतंकवाद को परिभाषित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, मानवता में विश्वास रखने वाली शक्तियां एक हो जाएं तो आंतकवाद और जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटा जा सकता है।  

मोदी ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समय में सैन फ्रांस्सिको में गदर पार्टी के योगदान और भगत सिंह की जयंती को याद करते हुए कहा कि कैलिफोर्निया का भारत के साथ एेतिहासिक संबंध है और यह भारत के विकास में योगदान भी रहा है। 28 सितंबर शहीद भगत सिंह का जन्मदिन है और मैं उन्हें नमन करता हूं। विज्ञान एवं अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के विकास का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, पहले हम उपनिषद की बात करते थे, तो लोगों को समझ नहीं आता था। लेकिन अब हम उपनिषद से उपग्रह की बात कर रहे हैं। मार्स मिशन इसका उदाहरण है जिसे हमने पहले प्रयास में ही पूरा किया जबकि अन्य देशों को कई प्रयास करने पड़े। 

अमेरिका में भी पीएम मोदी 'दामाद' का जिक्र कर कांग्रेस पर निशाना साधने से नहीं चूके। उन्‍होंने ने कहा, हमारे देश में राजनेताओं पर कुछ ही समय में आरोप लग जाते हैं। हमने किसी नेता के 50 करोड़ रूपये बनाने, किसी के बेटे के 100 करोड़ बनाने, किसी की बेटी के 250 करोड़ रूपये बनाने, किसी के दामाद के 1000 करोड़ रूपये बनाने की बात सुनी है। ...मैं आप आपके बीच खड़ा हूं... मेरे ऊपर कोई आरोप नहीं है, एक भी आरोप नहीं है। देश को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हम जिएंगे तो देश के लिए, मरेंगे जो देश के लिए। 

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मां का जिक कर फफक पड़े मोदी

फेसबुक मुख्‍यालय में सवाल-जवाब कार्यक्रम के दौरान अपनी मां का जिक करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी भावुक हो गए और उन्होंने भरी आवाज में बताया कि गरीब परिवार का होने के कारण उनकी मां ने उनके लालन-पालन के लिए आस पड़ोस के घरों में बर्तन साफ करने पड़ते थे। टाउन हाल कार्यकम में फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने प्रधानमंत्री से सवाल किया था कि उनके इस मुकाम तक पहुंचने में उनकी मां का क्या योगदान रहा। मां का जिक करते हुए उन्होंने कहा, मैं छोटा था, हमारा गुजारा करने के लिए... मां आसपास पड़ोस के घरों में बर्तन साफ करती थीं, पानी भरती थीं, मजदूरी करती थीं। आप कल्पना कर सकते हैं एक मां ने अपने बच्चों को बड़ा करने के लिए कितना कष्ट उठाया। मोदी ने भरे गले से जब अपने बचपन व मां के बारे में ये बाते बताई तो कार्यकम में मौजूद सभी लोग भावुक हो उठे और बाद में सबने खडे़े होकर देर तक तालियां बजाते हुए उनकी भावनाओं से खुद को जोड़ा। इस अवसर पर मार्क के माता-पिता भी उपस्थित थे।

जुकरबर्ग ने बताया अपना इंडिया कनेक्‍शन 

पीएम मोदी के साथ बातचीत में फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि वह भारत को ज्ञान का मंदिर मानते हैं जहां से उन्होंने फेसबुक को फिर से संगठित करने की प्रेरणा ली। उन्होंने 10 साल पहले एक महीने के भारत दौरे के जिक्र करते हुए कहा, फेसबुक के इतिहास में भारत बहुत महत्वपूर्ण है। उस समय फेसबुक कठिन दौरे से गुजर रहा था और बिकने के कगार पर पहुंच गया था तब उनके गुरू और एप्पल के पूर्व सीईओ स्टीव जाॅब्स ने कहा कि मैं भारत में एक मंदिर का दौरा करूं। इसलिए मैंने करीब एक महीने के लिए भारत का दौरा किया। जुकरबर्ग के मुताबिक, भारत की यात्रा के बाद उनके भीतर फेसबुक को अरबों की कंपनी के रूप में तब्दील करने का भरोसा फिर से पैदा हुआ। भारत में बहुत आशावाद है। 

 

 

 

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TAGS: अमेरिका, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सैप सेंटर, कैलिफोर्निया, आतंकवाद, संयुक्‍त राष्‍ट्र, दामाद
OUTLOOK 28 September, 2015
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