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19 February 2015

इस्लाम के खिलाफ नहीं अमेरिका: ओबामा

एपी

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि अमेरिका की लड़ाई इस्लाम के खिलाफ नहीं, बल्कि उन लोगों के विरूद्ध है जिन्होंने धर्म को विकृत करने का काम किया है। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आईएसआईएस और अलकायदा जैसे आतंकी संगठन एक अरब मुसलमानों की आवाज नहीं हैं जो उनकी चरमपंथी विचारधारा को नकारते हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने हिंसक चरमपंथ से मुकाबला विषय पर व्हाइट हाउस शिखर सम्मेलन में कहा,  हमारी लड़ाई इस्लाम से नहीं है। हमारी लड़ाई उन लोगों से है जिन्होंने इस्लाम को विकृत किया है। उन्होंने कहा,  आईएसआईएल और अल-कायदा जैसे समूह खुद को सही बताने के लिए बेचैन हैं। वे स्वयं को धार्मिक नेताओं और इस्लाम की रक्षा करने वाले पवित्रा योद्धाओं के रूप में दिखाने की कोशिश करते हैं।

ओबामा ने कहा, इसीलिए आईएसआईएल स्वयं को इस्लामिक स्टेट कहता है और दुष्प्रचार करता है कि अमेरिका और पश्चिमी देशों की लड़ाई इस्लाम से है। इसी तरह वे लोगों को अपने संगठन में शामिल करते हैं। इसी तरह वे युवाओं को कट्टर बनाने की कोशिश करते हैं।

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उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदायों के बाहर के लोगों को आतंकवादियों की इस बात को खारिज करने की आवश्यकता है कि पश्चिम एवं इस्लाम या आधुनिक जीवन एवं इस्लाम परस्पर विरोधी हैं। ओबामा ने इस तीन दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन कहा,  हमें उनकी इन बातों को कतई स्वीकार नहीं करना चाहिए क्योंकि यह झूठ है और न ही हमें इन आतंकवादियों को धार्मिक तौर पर सही कहना चाहिए जैसा कि वे चाहते हैं।

वे धार्मिक नेता नहीं है, वे आतंकवादी हैं। इस सम्मेलन में भारत समेत विश्व के 60 से अधिक देश भाग ले रहे हैं। ओबामा ने कहा,  वे दुनियाभर में फैली इन कुछ गलत धारणाओं पर निर्भर करते है कि वे मुस्लिम आस्था के लोगों के हित में बोलते हैं, इस्लाम में किसी तरह हिंसा निहित है और सभ्यताओं के बीच एक प्रकार का टकराव है।

उन्होंने कहा, वे इस्लाम का प्रतिनिधित्व नहीं करते। वे एेसे पागल व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं जो ईश्वर के नाम पर लोगों की हत्या करता है। आतंकवाद के लिए कोई धर्म जिम्मेदार नहीं है। लोग हिंसा और आतंकवाद के लिए जिम्मेदार हैं। ओबामा ने कहा,  जैसे कि मेरे जैसे नेता इस धारणा को नकारते हैं कि आईएसआईएल जैसे आतंकवादी संगठन इस्लाम का प्रतिनिधित्व करते हैं, उसी तरह मुस्लिम नेताओं को भी इस धारणा को अमान्य साबित करना चाहिए कि हमारे देश इस्लाम के दमन के लिए प्रतिबद्ध हैं और सभ्यताओं में स्वाभाविक टकराव है।

ओबामा ने कहा, प्रत्येक व्यक्ति को बहुत स्पष्ट रूप से यह कहना होगा कि भले ही पीड़ा कोई भी हो, निर्दोष लोगों के खिलाफ हिंसा इस्लाम या मुसलमानों की रक्षा नहीं करती, यह इस्लाम और मुसलमानों को नुकसान पहुंचाती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि अलकायदा और आईएसआईएल जैसे आतंकवादी संगठन विश्व के लिए एक चुनौती हैं। आईएसआईएल सीरिया और इराक के लोेगों को आतंकित कर रहे हैं तथा लोगों के सिर काटने और उन्हें जीवित जलाने जैसी बर्बर करतूतों को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा,  हमने ओटावा, सिडनी, पेरिस और अब कोपेनहेगन में घातक हमले देखे हैं। इस चुनौती का सामना करने के लिए हमने अमेरिकी सरकार की पूरी ताकत तैयार कर ली है और हम आतंकवादी संगठनों को तहस नहस करने एवं अमेरिकी लोगों की रक्षा करने के लिए अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

ओबामा ने कहा, इन आतंकवादियों की क्रूरता के खिलाफ वैश्विक समुदाय की जबरदस्त प्रतिक्रिया और इन संगठनों को हराने के लिए मिलकर काम करने की मजबूत प्रतिबद्धता को देखकर मेरा विश्वास बढ़ जाता है। 

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TAGS: अमेरिका, बराक ओबामा, इस्लाम, आईएसआईएस, व्वाइटहाउस, शिखर सम्मेलन
OUTLOOK 19 February, 2015
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