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05 February 2017

ट्रंप प्रशासन ने जज के फैसले के खिलाफ अपील की

गूगल

इससे राष्ट्रपति और न्यायपालिका के बीच रस्साकशी शुरू हो गई है। ट्रंप प्रशासन के वकीलों ने सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों और शरणार्थियों के देश में प्रवेश को रोकने वाले ट्रंप के आदेश पर देशव्यापी अस्थायी रोक लगाने के सिएटल के संघीय जज जेम्स रॉबर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करते हुए एक नोटिस दायर किया है।

अदालत के शुक्रवार को आए फैसले के तुरंत बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश द्वारा नियुक्त किए गए अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज जेम्स रॉबर्ट की ट्विटर पर खिल्ली उड़ाते हुए उन्हें तथाकथित जज बताया और कहा कि उनका बेतुका फैसला पलट जाएगा।

अदालत के निर्णय के बाद गृह सुरक्षा विभाग ने घोषणा की कि उसने आव्रजन आदेश का क्रियान्वयन स्थगित कर दिया है और वह यात्रियों की जांच की पहले लागू प्रक्रिया ही बहाल करेगा। साथ ही उसने न्याय विभाग से जितनी जल्दी हो सकें, इस फैसले को चुनौती देने का अनुरोध किया। ट्रंप ने विश्वास जताया कि उनका प्रशासन इस फैसले के खिलाफ अपील जीत जाएगा। उन्होंने कहा, हम जीत जाएंगे। देश की सुरक्षा के लिए हम जीत जाएंगे।

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उन्होंने ट्विटर पर अपने दो करोड़ 37 लाख फॉलोअर्स से कहा, चूंकि एक जज ने प्रतिबंध हटा दिया है, कई बुरे और खतरनाक लोग हमारे देश में घुस सकते हैं। एक भयानक फैसला। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका पूरी तरह से संवैधानिक संकट के कगार पर पहुंच गया है। यूनीवर्सिटी ऑफ पेन्सिलवेनिया में धर्म की शोधार्थी और संवैधानिक मामलों की वकील मार्सी हैमिल्टन ने कहा, यह राष्ट्रपति और संविधान के बीच असाधारण टकराव है।

विदेश विभाग ने कहा है कि जिनके पास वैध वीजा है, वे देश में प्रवेश कर सकते हैं। वकीलों ने प्रभावित देशों के यात्रियों को अप्रत्याशित कानूनी लड़ाई के कारण अमेरिका आने के लिए जल्द से जल्द विमान में सवार होने की सलाह दी है। इस बीच लंदन और पेरिस से लेकर न्यूयॉर्क और वाशिंगटन तक के हजारों लोगों ने ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन किए।

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TAGS: अमेरिका, ट्रंप, जज, फैसला, अपील, मुस्लिम देश, यात्रा प्रतिबंध
OUTLOOK 05 February, 2017
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