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18 May 2023

मध्य प्रदेश के युवाओं को मिला "मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना" का तोहफा, जानें इसके बारे में

मध्य प्रदेश में बेरोजगार युवाओं को राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने "मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना" के रूप में एक तोहफा दिया है। बुधवार को शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट की बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई, जिसमें बेरोजगार युवाओं के लिए ‘मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना’ को लेकर भी मंथन किया गया। बैठक के बाद मुख्यमंत्री चौहान ने यह जानकारी दी कि, इस योजना को मंजूरी दी गई है।

बता दें कि इस योजना का लाभ 12वीं पास, आईटीआई, डिप्लोमा, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके सभी युवा उठा सकेंगे। योजना का उद्देश्य युवाओं को काम सिखाते सिखाते उन्हें स्टाइपेंड देकर आर्थिक रूप से सशक्त करने का है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुशी जताते हुए कहा कि यह योजना युवाओं को नए अवसर के साथ अपने मन मुताबिक काम सीखने का मौका देगी और इसका प्रतिमाह पैसा भी मिलेगा।

मध्यप्रदेश के मुखिया का कहना है कि वह अपने प्रदेश के युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं और उन्हें स्वरोजगार के साथ जोड़ने के हर संभव प्रयास भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमारा प्रयास मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाना है। हम चाहते हैं युवा स्वयं भी नौकरी करें और दूसरों को भी रोजगार देने के काबिल बनें। युवाओं में हुनर की कमी नहीं है केवल उन्हें एक दिशा देने की जरूरत है। इसी कड़ी में यह योजना काफी अहम हो जाती है।"

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शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कि कमलनाथ जी की कांग्रेस सरकार ने पिछली बार बेरोजगारी भत्ते की बात कही थी। तब कांग्रेस ने बेरोजगारी भत्ता तो छोड़ो रोजगार के नाम पर ढोर चराओ, ढोल बजाओ की ट्रेनिंग देने शुरू कर दी। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और राज्य सरकार के अच्छे तरह से काम करने की बात सामने रखी है।

क्या है "मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना" ?

• मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शब्दों में यह योजना युवाओं के लिए स्वाभिमान और सम्मान का प्रतीक बनेगी। मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना में 18 से लेकर 29 वर्ष तक के मध्यप्रदेश के निवासी युवा भाग ले सकेंगे। इस योजना का लाभ 12वीं या आईटीआई पास अथवा उच्च शिक्षित युवाओं को भी मिलेगा।

• योजना के अंतर्गत ट्रेनिंग के दौरान 5वीं से 12 कक्षा तक उत्तीर्ण युवाओं को 8000, आईटीआई पास को 8500, डिप्लोमा धारी को 9000, और स्नातक अथवा उच्च शिक्षित युवाओं को 10 हजार रुपए स्टाइपेंड के रूप में प्रतिमाह दिया जाएंगे।

• योजना के माध्यम से इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल, सिविल, मैनेजमेंट एवं मार्केटिंग क्षेत्र, सेवा क्षेत्र होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म और ट्रैवल अस्पताल, रेलवे, आईटी और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट क्षेत्र , उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण आदि क्षेत्रों में नौकरी मिल सकेगी।

• प्रत्येक माह निर्धारित स्टाइपेंड का 75 प्रतिशत राज्य शासन की ओर से छात्र- प्रशिक्षणार्थी को डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। प्रतिष्ठान को निर्धारित न्यूनतम स्टाइपेंड की 25प्रतिशत राशि छात्र- प्रशिक्षणार्थी के बैंक खाते में जमा करना होगी। प्रतिष्ठान निर्धारित राशि से अधिक स्टाइपेंड देने के लिए स्वतंत्र होगा।

महत्वपूर्ण तारीखें

• 07 जून 2023: प्रतिष्ठानों के पंजीयन का कार्य शुरू
• 15 जून 2023: युवाओं के पंजीयन का कार्य शुरू
• 15 जुलाई 2023: मार्केट प्लेस प्रारंभ एवं युवाओं का आवेदन लेना शुरू
• 31 जुलाई 2023: युवा प्रतिष्ठानों-मध्यप्रदेश शासन के मध्य अनुबंध हस्ताक्षर (अनलाइन) प्रारंभ हो जाएंगे
• 1 अगस्त 2023सी युवाओं की उपस्थिति प्रारंभ होगी
• 31 अगस्त 2023: प्रशिक्षण प्रारंभ होने के एक माह उपरांत युवाओं को राशि वितरित होगी

इंडस्ट्री वर्कशॉप पर डालें नजर

22 मई से 6 जून 2023 - मध्यप्रदेश एवं प्रमुख आईटी/औद्योगिक केंद्र (पुणे, बैंगलोर, आदि)

1 जून से 14 जून 2023 - संभागीय कार्यशाला

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TAGS: The youth of Madhya Pradesh
OUTLOOK 18 May, 2023
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