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28 August 2015

अच्छे कोच से मिला मुकामः साइना नेहवाल

 इसी माह जापान ओपन और कोरिया ओपन में कामयाबी की क्चवाहिश रखते हुए वह रियो ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने से भी आगे का लक्ष्य रखती हैं। भारतीय बैडमिंटन को बुलंदियों पर पहुंचाने वाली साइना से बातचीत की आउटलुक के सहायक संपादक राजेश रंजन ने, पेश हैं उसके मुक्चय अंश:
सबसे पहले तो एक साथ आपको दोहरी उपलद्ब्रिध पाने के लिए बधाई। विश्व में नंबर वन रैंकिंग और फिर आईओएस के साथ 25 करोड़ रुपये का करार, कब तक इस मुकाम पर बने रहना चाहती हैं?
शुक्रिया, एक साल के अंदर ये सारी उपलद्ब्रिधयां बेंगलूरू स्थित प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी (पीपीबीए) में विमल सर के संरक्षण में ही मिल पाईं। मेरी मर्जी नहीं, बल्कि मेरे प्रदर्शन से ही तय हो पाएगा कि मैं नंबर वन का ताज कब तक रख सकती हूं। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करूंगी और शीर्ष मुकाम पर बने रहने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन जारी रखने का प्रयास करूंगी।
इस एक साल में ही आपने चाइना ओपन खिताब जीता, ऑल इंज्लैंड चैंपियनशिप में दूसरा स्थान पाया और विश्व चैंपियनशिप का रजत पदक जीता। अगला लक्ष्य ञ्चया है?
जी हां, मैंने जनवरी में इंडिया गोल्ड ग्रां प्रिञ्चस और मार्च 2015 में इंडिया सुपर सीरीज भी जीती है। मेरा लक्ष्य बहुत ऊंचा है और मैं आने वाली सभी प्रतियोगिताएं जीतना चाहती हूं। अभी मुझे डेनमार्क ओपन, फ्रांस ओपन और 2016 में इंडिया सुपर सीरीज तथा आखिरकार रियो ओलिंपिक में मुकाबला जीतना है।
राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद आपकी भरपूर तारीफ की है। अपने इस पूर्व कोच के साथ पिछले दो साल आपको कड़वे-मीठे संबंधों के दौर से गुजरना पड़ा। यह सब कैसे हुआ और अब उनसे कैसे संबंध हैं?  
मैं हमेशा से गोपी सर की बहुत शुक्रगुजार रही हूं। अब मैं विमल सर से प्रशिक्षण पा रही हूं जो राष्ट्रीय कोच भी रह चुके हैं। अपने सभी कोचों (नानी सर, गोपी सर, आरिफ सर, गोवर्धन सर और अब विमल सर) के साथ मेरे मधुर रिश्ते रहे हैं जिन्होंने मुझे बैडमिंटन में इस मुकाम तक पहुंचाया। प्रकाश सर की भी बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे बैडमिंटन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए हमेशा प्रेरित किया।
प्रकाश पादुकोण ने भारतीय बैडमिंटन को काफी कुछ दिया और अब आपकी बारी है। बैडमिंटन में इतने लंबे समय बाद देश को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में कहां चूक रह गई?
अच्छे खेल प्रदर्शन के लिए हमें अधोसंरचना, सुविधाएं और बेहतरीन कोच चाहिए। प्रकाश सर और इसके बाद गोपी सर ने देश में बैडमिंटन के विकास के लिए सर्वश्रेष्ठ योगदान किया। उन्हीं की बदौलत अब हमारे पास कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं। मैं भी भारत में इस खेल के संपूर्ण सुधार की कोशिश करूंगी।
पिछले साल आप इतनी हताश ञ्चयों हो गई थीं कि बैडमिंटन से ही संन्यास लेने का मन बना लिया था?
नतीजे जब प्रदर्शन के मुताबिक नहीं मिलते हैं तो हताशा बढऩे लगती है। लिहाजा मैंने विमल सर की मदद से बेहतर परिणाम पाने के लिए अपना स्थान बदल लिया और वह मुझे पीपीबीए में प्रशिक्षण ने के लिए राजी भी हो गए।
देश की लड़कियों की दिलचस्पी एथलेटिञ्चस, टेनिस और क्रिकेट में रही है और वे ज्यादा से ज्यादा कमाई करना चाहती हैं। आपने बैडमिंटन ही ञ्चयों चुना और किसने इस खेल के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित किया?
मैंने महसूस किया है कि क्रिकेट में लडक़ों के मुकाबले लड़कियां ज्यादा खुश नहीं है, टेनिस में भी बहुत कम लड़कियां ही नजर आती हैं और यही हाल बैडमिंटन में भी है। मैं पैसे के पीछे नहीं भागती और अपने पेशे में सर्वश्रेष्ठ नतीजे प्रदर्शित करना चाहती हूं। बैडमिंटन मेरा पेशा है। मेरे परिवार ने मुझे इसके लिए प्रेरित किया और हैदराबाद ने मुझे सबसे अच्छा माहौल दिया, अच्छे कोच मिले इसलिए मैं बैडमिंटन में शुरू से अच्छा करती आई।
विमल कुमार आपको लक्ष्य पाने में किस तरह मदद करते हैं और उनके महत्वपूर्ण सुझाव कैसे होते हैं?
पिछले एक साल में मैंने जो कुछ उपलद्ब्रिधयां पाई हैं, वे सब विमल सर की ही देन है। वह मेरे प्रशिक्षण पर बहुत ज्यादा ध्यान देते हैं। उनका प्रशिक्षण ऐसा होता है कि दुनिया को इस बारे में बताना मुश्किल होगा।
विदेशी खिलाड़ी खासकर चीनी खिलाड़ी तकनीकी रूप से कैसे हमसे बेहतर होते हैं? हमें किस तरह की सुविधाओं और प्रशिक्षण की जरूरत है?  
चीनी खिलाड़ी हमसे बहुत अलग नहीं हैं। पहले उनके पास बेहतर सुविधाएं होती थीं लेकिन अब स्थितियां बदल चुकी हैं और भारतीय खिलाड़ी भी बैडमिंटन में बड़ी उपलद्ब्रिधयां पा रहे हैं। इसी बार का विश्व कप देखें तो कोई चीनी (महिला) खिलाड़ी सेमीफाइनल तक नहीं पहुंच पाई।
मौजूदा सरकार की खेल नीति का आप कैसे मूल्यांकन करती हैं और आपको इस नीति से किस तरह की दिञ्चकतें आई हैं?
मैं समझती हूं कि यह मेरा विषय नहीं है जहां मैं दखल दे सकूं। सरकार अच्छा काम कर रही है और उन्हें यह काम करने दीजिए।
किन-किन युवा खिलाडिय़ों में आपको ज्यादा संभावनाएं दिखती हैं और किसमें आपसे आगे निकलने का माद्दा है?
बैडमिंटन में सभी युवा खिलाडिय़ों को शुभकामनाएं देती हूं। जब उचित वञ्चत आएगा, वे सब भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगी।
देश को और ज्यादा साइना नेहवाल चाहिए या और विमल कुमार? इसके लिए सरकार को ञ्चया करना चाहिए?
भारत सरकार अपना काम कर रही है और हमें भी बैडमिंटन में अच्छा परिणाम पाने के लिए मिलकर अच्छे खिलाडिय़ों और कोचों की पहचान करनी होगी। देश में बैडमिंटन तेजी से तरञ्चकी कर रहा है।
अपने अञ्जयास कार्यक्रम और दिनचर्या के बारे में बताएं।
मेरा अञ्जयास कार्यक्रम मेरे कोच तय करते हैं, मुझे उन्हीं के मार्गदर्शन के मुताबिक चलना पड़ता है। प्रशिक्षण सत्र पूरा होने के बाद मुझे अपने फिजियो से पूरा सहयोग मिलता है। आम तौर पर रोजाना दो सत्रों में अञ्जयास करती हूं, एक दिन के भोजन से पहले और दूसरा भोजन विश्राम के बाद। प्रत्येक सत्र दो से तीन घंटे का होता है। रविवार की छुट्टïी करती हूं।
परिवारवालों के साथ बैडमिंटन के अलावा और किन मुद्दों पर आप चर्चा करती हूं?
मां के साथ मैं महाराणा प्रताप, अशोका, कॉमेडी नाइट विद कपिल जैसे मौजूदा टीवी धारावाहिकों पर चर्चा करती हूं। रविवार को मैं हिंदी फिल्म देखती हूं। हम राजनीति पर चर्चा नहीं करते ञ्चयोंकि इसमें हमारी जानकारी बहुत कम है।
आपके कॅरिअर और जीवन को लेकर परिवार में सबसे ज्यादा चिंतित कौन रहता है?
परिवार के सभी लोग मेरी चिंता करते हैं।
परिजनों को छोडक़र आपका सबसे अच्छा मित्र कौन है? किसे आप अपना आदर्श मानती हैं?
इस तरह का मेरा कोई मित्र नहीं है। हालांकि जब कभी मैं हैदराबाद आती हूं, अपने दोस्तों (कश्यप, गुरु, तरुण, साई परनीत आदि) के साथ वञ्चत गुजारना अच्छा लगता है। हम सब मिलकर खाना खाते हैं और हैदराबाद में फिल्में देखते हैं।
रियो ओलिंपिक के लिए कैसी तैयारियां हैं?
अभी तो एक साल का वक्‍त है। अभी तो हम जापान, डेनमार्क, हांगकांग, चाइना ओपन तथा फ्रेंच ओपन जैसी आगामी सुपर सीरीज पर ध्यान दे रहे हैं। रियो आखिरी लक्ष्य है।

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TAGS: Siana Nehwal, Badminton, IOS, Vimal Kumar, P. Gopi Chand, साइना नेहवाल, विमल कुमार, आईओएस, विश्व रैंकिंग
OUTLOOK 28 August, 2015
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