Advertisement
03 June 2019

वर्ल्‍ड कप का एक ऐसा मैच जो कभी पूरा न हो सका, जानिए उस वक्त क्यों रोए विनोद कांबली

13 मार्च 1996 को खेला गया वर्ल्‍ड कप का सेमीफाइनल कौन भूल सकता है। क्‍वॉटर फाइनल में चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्‍तान को हराकर सेमीफाइनल में पहुंची भारतीय टीम का सामना श्रीलंका से था। ऐसे में भारतीय प्रशंसको का उत्‍साह भी चरम पर था। कोलकाता का ईडन गार्डन पूरा भरा था। हर तरफ इंडिया-इंडिया का शोर था। खैर टॉस हुआ तत्‍कालीन भारतीय कप्‍तान मो. अजहरुद्दीन ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का निर्णय लिया।

श्रीलंका की तरफ से ओपनिंग करने आए सनथ जयसूर्या और कलुविथराना, मगर उस वक्‍त तेज भारतीय गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने दोनों को ससते में चलता किया। इसके बाद गुरुसिन्‍हा के रूप में तीसरा विकेट भी श्रीनाथ के खाते में गया। श्रीलंका टीम की आधी कमर टूट चुकी थी। सभी को लगा कि अब श्रीलंकन टीम ज्‍यादा स्‍कोर नहीं कर पाएगी। मगर बाद में अरविंद डी सिल्‍वा (66) और महानमा (58) ने बड़ी और उपयोगी साझेदारी कर श्रीलंका का स्‍कोर 251 तक पहुंचा दिया। अब भारत को जीत के लिए 252 रन चाहिए थे। 

वर्ल्ड कप इतिहास की सबसे खराब तस्वीर

Advertisement

लेकिन 34.1 ओवर में 120 रन पर भारत के आठ बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे। क्रीज पर विनोद कांबली (10 रन) और अनिल कुंबले थे। दर्शकों को भारतीय टीम हारती दिखी तो उन्होंने मैदान के स्टैंड में आगजनी कर दी। खिलाड़ियों को तुरंत मैदान से बाहर ले जाया गया। उस समय कांबली की आंखों में आंसू थे। वह भारतीय वर्ल्ड कप इतिहास की सबसे खराब तस्वीर थी। भारतीय टीम तब चैम्पियन बनने की दावेदार थी।

22 रन के अंदर भारत के 5 विकेट गिरे

वर्ल्‍ड कप फाइनल में पहुंचने के लिए भारत को यह मैच जीतना जरूरी था। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। नवजोत सिंह सिद्धू तीन रन बनाकर चामिंडा वास की गेंद पर पवेलियन लौट गए। इसके बाद सचिन तेंदुलकर और संजय मांजरेकर ने दूसरे विकेट के लिए 90 रन की साझेदारी की। मांजरेकर भी 25 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।

अब भारत को जीत दिलाने की जिम्‍मेदारी पांचवें नंबर पर बैटिंग करने आए अजहर और सचिन पर थी। मगर उस दिन किस्‍मत भारत के साथ नहीं थी। कलाईयों का जादूगर अजहर जीरो पर ही आउट हो गया। इसके बाद मानों विकेटों की झड़ी लग गई।  टीम का स्कोर जब 98 था तो सचिन 65 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद मैच का रुख बदल गया और 22 रन के अंदर ही भारत के पांच विकेट और गिर गए। भारत की पारी के अभी 34 ओवर ही पूरे हुए थे और 2 विकेट बाकी थे, मगर मैच बीच में रोक दिया गया। वजह थी भारतीय दर्शक।

स्‍टेडियम में लगा दी गई थी आग

दर्शकों को लगा कि अब भारत का यह मैच जीत पाना मुश्‍किल है। इस स्थिति में स्टेडियम में मौजूद दर्शकों को लगा कि भारत मैच नहीं जीत पाएगा। फैंस ने स्‍टेडियम में बवाल करना शुरु कर दिया। उन्होंने गुस्से में स्टैंड में आग लगा दी। मैदान पर बोतलें फेंकी। सीटों को उखाड़ दिया। मैच रेफरी क्लाइव लॉयड ने 15 मिनट के लिए दोनों टीमों के खिलाड़ियों को मैदान से वापस बुला लिया। खिलाड़ी दोबारा मैदान पर गए, लेकिन दर्शक आक्रोशित ही थे। इसके बाद लॉयड ने श्रीलंकाई टीम को विजेता घोषित कर दिया।

कांबली रोते हुए ड्रेसिंग रूम वापस आए

फाइनल में पहुंचने पर श्रीलंका के खिलाड़ी खुशी मनाने लगे, लेकिन कांबली को यकीन नहीं हुआ कि उनकी टीम टूर्नामेंट से बाहर हो गई। उनके आंसू बहने लगे। वे रोते हुए ड्रेसिंग रूम में वापस जा रहे थे। भारत वर्ल्ड कप से एक कदम दूर रह गया। चैम्पियन बनने का उसका सपना चकनाचूर हो चुका था।

किसी एक ने मेरा साथ दे दिया होता तो मैं मैच निकाल लेता: कांबली

कांबली ने इस मैच के कई साल बाद एक इंटरव्यू में कहा कि मैं अब भी उस सेमीफाइनल के बारे में सोचता हूं। जब भी कभी मैं वह मैच देखता हूं तो आंखों से आंसू आ जाते हैं। हमने पूरे टूर्नामेंट में शानदार क्रिकेट खेली। हमने क्वार्टर फाइनल में पाकिस्तान को हराया था। सचिन के बल्लेबाजी करने तक सबकुछ सही जा रहा था, लेकिन उसके आउट होने के बाद विकेट जल्दी गिर गए। मैंने एक छोर पर खड़े होकर पांच बल्लेबाजों को आउट होते देखा। उस पारी में किसी एक ने मेरा साथ दे दिया होता तो मैं मैच निकाल लेता। मैं रोया, क्योंकि मुझे लगा कि मैंने देश के लिए कुछ करने का एक मौका खो दिया।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Vinod Kambli, World Cup, match, never, completed
OUTLOOK 03 June, 2019
Advertisement