Advertisement
07 November 2016

तीन चयनकर्ताओं को हटाने पर उच्च न्यायालय ने डीडीसीए को लताड़ा

न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट और न्यायमूर्ति दीपा शर्मा की पीठ ने कहा कि डीडीसीए ने अपनी हद पार की है जबकि उच्च न्यायालय ने पहले ही इस मामले को खत्म कर दिया था और इस पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था। डीडीसीए से यह पूछते हुए कहा कि क्या उन्होंने अपने फैसले से न्यायमूर्ति मुदगल को अवगत कराया था, पीठ ने कहा, हमें लगता है कि आप (डीडीसीए) यहां सभी के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं। यह अदालत की अवमानना है।

डीडीसीए में विभिन्न विवादास्पद मुद्दों को देखते हुए न्यायमूर्ति मुदगल को उच्च न्यायालय ने पिछले साल क्रिकेट संघ के मामलों के संचालन के लिए नियुक्त किया था। डीडीसीए की खेल समिति ने हाल में पूर्व भारतीय क्रिकेटरों मनिंदर सिंह, अतुल वासन और निखिल चोपड़ा को उनके संबंधित पैनल में से चयनकर्ताओं के रूप में हटा दिया था। न्यायमूर्ति मुदगल ने इसके बाद अपने वकील नितिन मिश्रा के जरिये अदालत की शरण में जाते हुए डीडीसीए के इस फैसले को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की थी।

डीडीसीए की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अमन लेखी ने हालांकि कहा कि चयनकर्ताओं को हितों में टकराव का नोटिस जारी किया गया था जिसके बाद अदालत ने कहा कि वे इस मामले की सुनवाई बाद में करेंगे। फिलहाल टीम का चयन कर रहे जूनियर और सीनियर चयन पैनल का गठन मुदगल के निरीक्षण में किया गया था। मुदगल पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश हैं।

Advertisement

अदालत के समक्ष आवेदन करते हुए न्यायमूर्ति मुदगल ने कहा, चयन पैनल द्वारा साक्षात्कार की प्रक्रिया के जरिये मेरे निरीक्षण में नियुक्त चयनकर्ता फिलहाल सीनियर और जूनियर टीमों का चयन करने की प्रक्रिया में थे। उन्होंने कहा, कुछ निर्देशकों और (डीडीसीए) खेल समिति के समन्वयक द्वारा मेरी और दिल्ली उच्च न्यायालय की स्वीकृति के बिना चयनकर्ताओं को चयन पैनल से हटाने का लक्ष्य सिर्फ घरेलू सत्र को नुकसान पहुंचाना है। न्यायमूर्ति मुदगल ने कहा, चयनकर्ता पहले ही विभिन्न टीमों का चयन कर चुके हैं जो घरेलू मैच खेल रही हैं।

भाषा

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: डीडीसीए, उच्च न्यायालय
OUTLOOK 07 November, 2016
Advertisement