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12 November 2020

जेल में बंद सैकड़ों कश्मीरियों की तत्काल सुनवाई क्यों नहीं: महबूबा

रिपब्लिक टीवी नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी मामले में स्वतंत्रता के अधिकार पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर सहमति जताते हुए जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रश्न किया कि आधारहीन आरोपों के तहत जेलों में बंद सैकड़ों कश्मीरियों और पत्रकारों की रिहाई पर तत्काल कोई प्रभावशाली कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, “स्वतंत्रता के अधिकार पर उच्चतम न्यायालय के आक्रोश से सहमत हैं, लेकिन इस बात का बड़ा दुख है और नाराजगी भी है कि अब भी आधारहीन आरोपों के तहत सैकड़ों कश्मीरी और पत्रकार जेलों में बंद हैं। अदालत के फैसले को भूल जाओ उनकी अभी तक सुनवाई भी नहीं हुई है। उनकी स्वतंत्रता के लिए क्यों नहीं कोई भी आवाज उठाता।”

अर्नब गोस्वामी को इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक तथा उनकी मां को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में चार नवंबर को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था। शीर्ष अदालत ने ने बॉम्बे उच्च न्यायालय के फैसले को पटलते हुए बुधवार को अर्नब को जमानत पर रिहा कर दिया।
पिछले साल पांच अगस्त को सुश्री महबूबा के साथ दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारुक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला के अलावा सैकड़ों पूर्व मंत्री, विधायक और विभिन्न मुख्य राजनीतिक पार्टियों के नेता ओर अलगावादी संगठनों के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। उमर की बहन और महबूबा की बेटी ने बाद में बिना किसी जमानत के शीर्ष अदालत में उनकी नजरबंदी को चुनौती दी थी। हालांकि बाद में हिरासत में लिए गए नेताओं को केन्द्रशासित प्रशासन द्वारा उनके हिरासत के आरोप वापस लेने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था।

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TAGS: जम्मू कश्मीर, जेल में बंद कश्मीरी, महबूबा मुफ़्ती, immediate hearing, hundreds of jailed Kashmiris, Mehbooba Mufti, Jammu Kashmir
OUTLOOK 12 November, 2020
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