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02 October 2024

उत्तराखंड की जनसांख्यिकी बिगड़ने नहीं देंगे, सीएम धामी ने कहा- हमने धर्मांतरण कानून लागू किया

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को कहा कि राज्य की जनसांख्यिकी में बदलाव एक बड़ा खतरा है, जिससे निपटने की जरूरत है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुजफफरनगर जिले में 1994 में हुए रामपुर तिराहा कांड की 30वीं बरसी के मौके पर राज्य के आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उत्तराखंड का निर्माण उन्हीं की बदौलत हुआ है।

धामी ने कहा कि मैं उन्हें कोटि—कोटि नमन करता हूं और उन्होंने हमारे बेहतर भविष्य के लिए अपने वर्तमान को त्याग दिया। 

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता उनकी सदैव ऋणी रहेगी और नौजवानों, माताओं व बहनों के त्याग की बदौलत आंदोलन अपने निर्णायक अंत तक पहुंच पाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके सपनों का उत्तराखंड बनाना अब हमारी जिम्मेदारी है और जब तक हम इसे हासिल नहीं कर लेते, चैन से नहीं बैठेंगे।

उन्होंने कहा, “आज हमारे प्रदेश में कई चुनौतियां हैं और जनसांख्यिकी में बदलाव एक बड़ा खतरा है, जिससे निपटने की जरूरत है।”

धामी ने कहा कि हमें अपने प्रदेश की जनसांख्यिकी को संरक्षित करने के दायित्व को उसी प्रकार से आगे आकर निभाना होगा जैसे हमने पृथक राज्य के आंदोलन के दौरान संघर्ष किया था।

उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार अपने स्तर से काम कर रही है लेकिन राज्य के मूल स्वरूप को बचाए रखने के लिए मातृशक्ति और नौजवानों को उसी प्रकार से जागृत होकर काम करना होगा जैसा हमारे आंदोलनकारियों ने राज्य के गठन के लिए किया था।

उन्होंने कहा कि जनसांख्यिकी को संरक्षित रखना हमारी प्रतिबद्धता है और हम उत्तराखंड की जनसांख्यिकी बिगड़ने नहीं देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए उनकी सरकार ने राज्य में सख्त धर्मांतरण कानून लागू किया है और विभिन्न स्थानों पर सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाया गया है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा वन विभाग की जमीनों को बड़े पैमानों पर हुए अतिक्रमण से मुक्त कराया गया और लगभग 5000 एकड़ से भी ज्यादा भूमि से कब्जा हटवाया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में एक कड़ा भू-कानून लाने की तैयारी कर रही है, जिससे बाहरी लोगों को उत्तराखंड में असीमित जमीन खरीदना मुश्किल हो जाएगा।

दो अक्टूबर को हुए रामपुर तिराहा गोलीकांड के दौरान सात व्यक्ति मारे गए थे जबकि कई अन्य घायल हुए थे। इस कांड के बाद आंदोलन को एक नयी धार मिली थी जिसके बाद आक्रोशित जनता ने अपने संघर्ष को निर्णायक अंत पर पहुंचाकर ही दम लिया।

नौ नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग करके उत्तराखंड का गठन किया गया था।

रामपुर तिराहा कांड को 'काला अध्याय' बताते हुए धामी ने घोषणा की कि इसमें शहीद हुए सभी लोगों की उस स्थल पर प्रतिमा लगाई जाएगी ।

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TAGS: Uttrakhand demographic challenge, Anti conversion laws, BJP, Uttrakhand CM Dhami, Uttrakhand politics
OUTLOOK 02 October, 2024
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