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13 October 2024

उद्धव ठाकरे का आरएसएस से सवाल, क्या आपको 'हाइब्रिड' भाजपा स्वीकार्य है?

शिवसेना(यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन इसलिए तोड़ दिया कि वह उसके हिंदुत्व के संस्करण से सहमत नहीं थे।

ठाकरे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से भी सवाल किया कि क्या उसे आज की ‘हाइब्रिड’ भाजपा स्वीकार्य है।

ठाकरे ने महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यहां शिवाजी पार्क में अपनी पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने अपने पिता और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की विचारधारा को नहीं छोड़ा है।

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ठाकरे ने कहा, ‘‘मैं आरएसएस और (इसके प्रमुख) मोहन भागवत का सम्मान करता हूं। भागवत कहते हैं कि हिंदुओं को आत्मरक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए। आप यह सब किसके लिए कह रहे हैं जबकि भाजपा सरकार 10 साल से सत्ता में है और उसे फिर से जनादेश मिला है? क्या हिंदुओं को अब भी असुरक्षित महसूस करना चाहिए?’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहे आरएसएस से कहना चाहता हूं कि वह एक चिंतन शिविर लगाए और आत्मचिंतन करे कि क्या वह वर्तमान भाजपा से सहमत है जो ‘हाइब्रिड’ बन गई है। इसमें अन्य राजनीतिक दलों के नेता हैं। मुझे खत्म करने के लिए इसे देशद्रोहियों की बैसाखी चाहिए।’’

ठाकरे ने कहा, ‘‘मैंने बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों को नहीं छोड़ा बल्कि मैं सिर्फ भाजपा से अलग हुआ क्योंकि मैं हिंदुत्व के उसके संस्करण से सहमत नहीं हूं।’’

ठाकरे ने 2019 में भाजपा के साथ गठबंधन समाप्त कर दिया था और वह कांग्रेस एवं अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के समर्थन से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवसेना कार्यकर्ता ‘‘वाघ-नख’’ (शिवाजी युग का हथियार) हैं जो उन्हें बाल ठाकरे से मिले हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘वे (भाजपा) मुझे कैसे नष्ट कर सकते हैं। अगर आप मेरे साथ नहीं होते तो मैं बच नहीं पाता।’’

ठाकरे ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की इस टिप्पणी का जिक्र किया कि वह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इतिहास उनके कार्यकाल का कैसे आकलन करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘आपको पता होना चाहिए कि अब समय आ गया है। लोकतंत्र को बचाने के लिए निर्णय लें। हमारा मामला अब भी लंबित है और तीन प्रधान न्यायाधीश आए और गए। मैं आपके सेवानिवृत्त होने के बाद बोलूंगा।’’

उन्होंने जून 2022 में एकनाथ शिंदे के पार्टी छोड़ने के कारण शिवसेना के विभाजन और ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी(एमवीए) सरकार गिरने से संबंधित मुकदमे का जिक्र करते हुए यह बात की।

शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख अपने सहयोगी दलों कांग्रेस और राकांपा (शरदचंद्र पवार) पर एमवीए के मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा करने के लिए दबाव बना रहे हैं। उन्होंने 2019 में मुख्यमंत्री के रूप में अपने शपथ लेने का एक वीडियो क्लिप चलाया और पार्टी कार्यकर्ताओं से पूछा कि क्या उन्होंने शपथ का पालन नहीं किया।

इसके बाद उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से फिर से शपथ लेने को कहा कि वे पार्टी के ‘मशाल’ चुनाव चिह्न के प्रति वफादार रहेंगे और दिवंगत बाल ठाकरे की कल्पना के अनुसार ‘‘शिव शाही सरकार’’ लाएंगे।

उद्धव ने शपथ पढ़ी जिसमें उन्होंने कहा कि वह महाराष्ट्र को कभी भाजपा के हाथों में नहीं जाने देंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद वह राज्य के हर जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर बनवाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार पर मतों के लिए राजकोट किले में ‘‘शिवाजी की मूर्ति का जल्दबाजी में निर्माण’’ कराने का आरोप लगाया।

 

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TAGS: Uddhav Thackeray, RSS, BJP, Congress, Maharashtra assembly election, Maharashtra politics, Hybrid BJP
OUTLOOK 13 October, 2024
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