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20 May 2024

शाही ईदगाह विवाद: हिन्दू पक्ष ने कहा- पूजा स्थल कानून गैर विवादित ढांचे के मामले में ही लागू होता है

मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि पूजा स्थल कानून, 1991 गैर विवादित ढांचे के मामले में ही लागू होता है ना कि विवादित ढांचे के मामले में।

मौजूदा मामले में ढांचे का चरित्र अभी तय होना बाकी है और यह केवल साक्ष्यों से तय हो सकता है। हिंदू पक्ष के वकील ने कहा, “मंदिर पर एक अवैध निर्माण, वाद में बाधक नहीं बन सकता। वाद की पोषणीयता को लेकर दाखिल अर्जी पर निर्णय, पक्षों से साक्ष्य देखने के बाद ही किया जा सकता है।”

वर्ष 1968 में हुए समझौते के प्रश्न पर हिंदू पक्ष की ओर से दलील दी गई कि वाद की पोषणीयता को लेकर दाखिल अर्जी पर निर्णय करने के चरण में इस पर (समझौते) विचार नहीं किया जा सकता। इससे पूर्व, मुस्लिम पक्ष की वकील तसलीमा अजीज अहमदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कहा था कि उनके पक्ष ने 12 अक्टूबर, 1968 को एक समझौता किया था जिसकी पुष्टि 1974 में निर्णित एक दीवानी वाद में की गई।

एक समझौते को चुनौती देने की समय सीमा तीन वर्ष है, लेकिन वाद 2020 में दायर किया गया। इस तरह से मौजूदा वाद समय सीमा से बाधित है। अहमदी ने आगे दलील दी थी कि यह वाद शाही ईदगाह मस्जिद के ढांचे को हटाने के बाद कब्जा लेने और मंदिर बहाल करने के लिए दायर किया गया है। वाद में की गई प्रार्थना दर्शाती है कि वहां मस्जिद का ढांचा मौजूद है और उसका कब्जा प्रबंधन समिति के पास है।

इस मामले पर सुनवाई न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की अदालत कर रही है। मामले में सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी। हिंदू पक्ष के वकील ने मानिक चंद बनाम राम चंद्र के मामले में 1980 में पारित उच्चतम न्यायालय के निर्णय का हवाला दिया जिसमें उच्चतम न्यायालय ने निर्णय दिया था कि एक नाबालिग समझौता नहीं कर सकता, लेकिन हिंदू कानून में अभिभावक के जरिए एक नाबालिग समझौता कर सकता है और वह समझौता तभी बाध्यकारी होगा जब वह नाबालिग के हित में हो।

हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि भगवान के मामले में यह निर्णय लागू होगा। हिंदू पक्ष के वकील ने आगे कहा कि वर्ष 1968 में किए गए कथित समझौते में भगवान पक्षकार नहीं थे। श्री कृष्ण जन्म सेवा संस्थान द्वारा यह समझौता किया गया और संस्थान ऐसा किसी तरह का समझौता करने के लिए अधिकृत नहीं था।

 

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TAGS: Shahi Idgah dispute, Krishna janam bhoomi vivaad, Worship Act, Mathura
OUTLOOK 20 May, 2024
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