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21 February 2019

चारा घोटाला: हाईकोर्ट के फैसले को लालू ने दी चुनौती, सुप्रीम कोर्ट में दायर की जमानत याचिका

File Photo

चारा घोटाले में सजा काट रहे रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती राजद नेता लालू यादव ने झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। लालू ने कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) के जरिए चारा घोटाले के चाईबासा, देवघर और दुमका मामले में कोर्ट से जमानत की मांग की है। उन्होंने याचिका में बढ़ती उम्र, बीमारियों का हवाला दिया है।

झारखंड हाईकोर्ट ने खारिज की थी याचिका

झारखंड हाईकोर्ट ने 10 जनवरी 2019 को लालू प्रसाद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। चारा घोटाले में दोषी करार दिए गए लालू प्रसाद ने दिसंबर में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जमानत की मांग की थी। सुनवाई करते हुए जस्टिस अपरेश सिंह की अदालत ने फैसला सुनाया था कि जमानत के लिए दायर याचिका में लालू की ओर से कोई नया ग्राउंड नहीं दिया गया है, इसी ग्राउंड पर पिछली बार उनकी याचिका खारिज की गई थी। इसके अलावा उन्होंने सजा की आधी अवधि अभी जेल में नहीं बिताई है इसलिए उनकी याचिका अस्वीकार की जाती है।

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कोर्ट ने लालू पर गंभीर आरोपों का भी दिया हवाला

कोर्ट ने कहा कि मामले में लालू प्रसाद पर गंभीर आरोप हैं। ऐसे में उन्हें इस स्टेज में जमानत नहीं दी जा सकती। इस मामले में लालू प्रसाद और सीबीआई का पक्ष सुनने के बाद चार जनवरी को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से एएसजीआई राजीव सिन्हा व अधिवक्ता नीरज कुमार ने जमानत याचिका का विरोध किया था और कहा था कि वे मुख्य आरोपी हैं, मामले की जानकारी उनके संज्ञान में आई इसके बाद भी वे चुप रहे और सरकारी खजाना को लूटने दिया। उन्हें जमानत नहीं दी जाए।

जमानत की अवधि 6 हफ्ते बढ़ाने की अपील की गई थी

याचिका में कहा गया था कि देवघर, चाईबासा और दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में इससे पहले भी उनको जमानत मिल चुकी है। लिहाजा उन्हें इस बार भी जमानत की दी जाए। जमानत की अवधि 6 हफ्ते और बढ़ाने की नई याचिका में कहा गया था कि लालू गंभीर रूप से बीमार हैं। वह प्लेटलेट्स की कमी, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, हार्ट, किडनी और डिप्रेशन समेत कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।

जमानत के लिए बताए गए थे तीन आधार

लालू की ओर से दायर याचिका में तीन बातों को आधार बनाया गया था। लालू के वकील की ओर से जिस पहली बात को आधार बनाया गया, उसमें कहा गया कि इसी मामले में अन्य दोषियों को जमानत मिल चुकी है। खुद लालू को भी पूर्व में जमानत मिली थी, लिहाजा बेल दी जाए। दूसरा लालू के मेडिकल ग्राउंड और तीसरा आधार उम्र को बनाया गया था।

23 दिसंबर 2017 से जेल में हैं लालू यादव

लालू को चारा घोटाला के देवघर ट्रेजरी केस में 23 दिसम्बर 2017 को दोषी करार दिया था। तब से वह जेल में है। पिछले साल 17 मार्च को तबीयत बिगड़ने पर पहले रिम्स और फिर दिल्ली एम्स में भर्ती किया गया था। कोर्ट ने उन्हें 11 मई को इलाज के लिए छह हफ्ते की जमानत मंजूर की थी। इसे बढ़ाकर 14 और फिर 27 अगस्त तक किया। कोर्ट ने इसके बाद 30 अगस्त को लालू को कोर्ट में सरेंडर करने का निर्देश दिया था।

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TAGS: RJD leader, Laloo Prasad Yadav, Supreme Court, fodder scam, ill health
OUTLOOK 21 February, 2019
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