Advertisement
22 July 2024

भाजपा का दीया टिमटिमा रहा है, जल्द ही बुझ जाएगा: अखिलेश

file photo

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के निर्देशों को लेकर भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी का दीया टिमटिमा रहा है और जल्द ही बुझ जाएगा। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध हटाने के बाद केंद्र पर भी हमला किया और कहा कि देश के लोगों ने सांप्रदायिक राजनीति को नकार दिया है।

संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए कन्नौज के सांसद ने कहा कि भविष्य में केंद्र और भाजपा शासित राज्यों द्वारा इस तरह के और कदम उठाए जाने की संभावना है। भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड द्वारा कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम रोक लगाए जाने के बारे में पूछे जाने पर यादव ने फैसले का स्वागत किया और कहा कि लोगों ने सांप्रदायिक राजनीति को पहले ही नकार दिया है।

उन्होंने कहा, "सांप्रदायिक राजनीति को लोगों ने नकार दिया है और जिस तरह दीया बुझने से पहले टिमटिमाता है, उसी तरह वे (भाजपा) बुझने से पहले टिमटिमा रहे हैं। इसलिए इस तरह के फैसले लिए जा रहे हैं।" उन्होंने कहा, "वे इस तरह के और कदम उठाएंगे। उन्होंने लंबे समय से लगे प्रतिबंध को भी हटा दिया है।" उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति देने के फैसले का जिक्र करते हुए कहा। "वे सांप्रदायिक राजनीति को जिंदा रखने के लिए ऐसा कर रहे हैं, क्योंकि यह अपने अंत के करीब है।" "यह बहुत संवेदनशील बात है। एक संवेदनशील पद पर बैठे अधिकारी का आचरण किसी राजनीतिक दल या संगठन के प्रति झुका हुआ है...हम इसे उत्तर प्रदेश में हर रोज देख रहे हैं, जहां सरकारी अधिकारी एक राजनीतिक दल के लिए काम कर रहे हैं।"

Advertisement

उन्होंने कहा, "सांप्रदायिक राजनीति के दिन बहुत जल्द खत्म हो जाएंगे, लोगों को यह एहसास हो गया है।" यादव ने यह भी कहा कि कांवड़ यात्रा के फैसले के लिए केंद्र की भाजपा नीत एनडीए सरकार भी उतनी ही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, "डबल इंजन मिलकर व्यापारियों को दुकानों के बाहर नाम लिखने के लिए मजबूर कर रहा है।" नीट-यूजी को लेकर चल रहे विवाद पर सपा प्रमुख ने कहा, "जो लोग (अनियमितताओं) को नहीं देखना चाहते, वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन युवा, उनके परिवार के सदस्य, हर कोई देख सकता है... यह कैसे संभव है कि इतने सारे छात्र उच्च अंकों के साथ एक ही स्थान से या एक ही केंद्र से परीक्षा पास कर गए?" "यह सरकार और संस्थान की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगाता है। इस सरकार के पास पेपर लीक का रिकॉर्ड है।"

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
OUTLOOK 22 July, 2024
Advertisement