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20 July 2015

विपक्ष के ‌बिखराव का लाभ लेने की फिराक में सरकार

पीटीआई

भूमि अधिग्रहण विधेयक सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की ओर से साफ तौर पर संकेत दे दिया गया है कि कुछ संशोधन करके यह विधेयक लाया जाए तो पास होने दिया जाएगा। सरकार भी लगभग सहमत दिख रही है। वहीं कांग्रेस ने भी शर्त रखी है कि अगर सरकार भूमि अधिग्रहण विधेयक पारित करवाना है तो दागी मंत्रियों को हटाना होगा। लेकिन विपक्ष में एकजुटता नहीं दिख रही है। भूमि अधिग्रहण मुद्दे को छोड़ अन्य मुद्दों पर सभी दलों का अलग-अलग सुर है।

दरअसल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राजस्‍थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज का इस्तीफा कांग्रेस के लिए एक मुद्दा है लेकिन बाकी दलों की इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है। मध्य प्रदेश और राजस्‍थान में कांग्रेस विपक्ष में इसलिए सत्र के दौरान हंगामा होने के आसार है। बाकी विपक्षी दलों का इस मुद्दे से बहुत लेना-देना नहीं है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के मुताबिक अगर सरकार चाहती है कि सत्र सुचारू रूप से चले तो दागी मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों का इस्तीफा हो। लेकिन सरकार इस पर सहमत नहीं है। बाकी राजनीतिक दल केवल भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर ही सरकार को घेरने में जुटे हैं। 

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TAGS: संसद, मानसून सत्र, भूमि अधिग्रहण विधेयक, ललित मोदी, व्यापमं, कांग्रेस, congress, lalit modi, bjp, parliyament, land bill
OUTLOOK 20 July, 2015
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