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19 October 2016

उत्तराखंड चुनाव में बिना चेहरे के उतर सकती है भाजपा

गूगल

उनसे पूछा गया था कि क्या अगले साल होने वाले चुनाव से पहले पार्टी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करेगी। भाजपा नेता ने कहा कि उनकी पार्टी पहले भी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए बिना कई राज्यों में चुनाव जीत चुकी है। उन्होंने कहा, हमने झारखंड में मुख्यमंत्री पद के किसी चेहरे को आगे नहीं किया, फिर भी हम जीते। महाराष्ट्र या गुजरात में भी हमने ऐसा कुछ नहीं किया लेकिन फिर भी हम दोनों राज्यों में जीते। हम नहीं समझते कि यह जरूरी है।

हालांकि, उन्होंने इस संबंध में किसी तरह की संभावना को पूरी तरह खारिज भी नहीं किया और कहा कि अभी तक पार्टी ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में कुछ तय नहीं किया है। राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि पिछले विधानसभा चुनावों के मुकाबले, इस बार भाजपा के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना उतना आसान नहीं है क्योंकि पार्टी में इस पद के लिए कई उम्मीदवार हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा सांसद भगत सिंह कोश्यारी, भुवन चंद्र खंडूरी और रमेश पोखरियाल निशंक जैसे पार्टी के पुराने दिग्गज नेताओं के अलावा इसी साल पार्टी में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भी हैं।

यह पूछे जाने पर कि हाल में कांग्रेस से पार्टी में शामिल हुए पूर्व कांग्रेस विधायकों को भाजपा किस प्रकार समायोजित करेगी, विजयवर्गीय ने कहा कि वे सब अब भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता बन चुके हैं और पार्टी नेतृत्व के कहने के अनुसार वे कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी उन्हें टिकट देगी तो वे चुनावी समर में उतरेंगे और अगर उन्हें टिकट नहीं मिलता तो वे पार्टी में वैसे ही कार्य करते रहेंगे जैसे अभी कर रहे हैं। अपने तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरे के अंतिम दिन भाजपा महासचिव विजयवर्गीय ने बताया कि वह यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव से पहले बूथ लेवल तक सक्रिय करने के लिये एकजुट करने आए थे। उन्होंने कहा कि आगामी चुनावों में अपनी विजय को लेकर भाजपा आश्वस्त है लेकिन केवल मजबूत सांगठनिक ढांचा ही स्थिर सरकार दे सकता है।

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कांग्रेस के इस आरोप पर कि उन्होंने उत्तराखंड में एक निर्वाचित सरकार को गिराने के लिए बागी विधायकों को खरीदा था, विजयवर्गीय ने स्पष्ट संकेत दिया कि निकट भविष्य में सीडी कांड में मुख्यमंत्री हरीश रावत के चारों तरफ फंदा और मजबूत हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसके बारे में अटकलें लगाने का कोई फायदा नहीं है। सीबीआई जल्द ही अपनी जांच से यह स्पष्ट कर देगी कि राज्य में विधायकों को खरीदने के लिये कौन दोषी है। (एजेंसी)

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TAGS: भाजपा, उत्तराखंड, कैलाश विजयवर्गीय, विधानसभा चुनाव, देहरादून, विधायक
OUTLOOK 19 October, 2016
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