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22 June 2016

सुब्रमण्यम स्वामी पर संघ का भी अंकुश नहीं

जवाहर लाल विश्वविद्यालय प्रकरण में चाहे नेहरू को ‘थर्ड क्लास पास’ बोलने का मामला हो या लोकतंत्र के लिए बहुसंख्या में हिंदुओं की जरूरत, स्वामी हमेशा ऐसा कुछ बोल देते हैं कि उस पर बहस छिड़ जाती है। उनका खुद का कहना है कि वह कभी किसी को भूलते नहीं हैं और एक बार किसी के पीछे पड़ जाएं तो आसानी से पीछा नहीं छोड़ते।

मंदिर मसले पर भी स्वामी कह चुके हैं, ‘3 मंदिर हमें दे दो और 3997 मस्जिद तुम ले लो।’ लेकिन यह बेबाक बयानबाजी हमेशा के लिए नहीं होती। इसलिए जब राज्यसभा के लिए उनकी बात चली तो संघ की ओर से उन्हें सलाह दी गई कि वह कोई भी बयान देने से पहले उस मंत्री से बात करें, जिसके बारे में संघ ने उन्हें बताया था।

उन मंत्री महोदय को भी बाकायदा सूचित किया गया कि कोई भी बयान देने से पहले स्वामी आपसे बात करेंगे। लेकिन स्वामी तो स्वामी ठहरे। न उन्होंने किसी मंत्री से बात की न संघ की सलाह मानी। दबे स्वरों में कहा जा रहा है कि यह संघ का उल्लंघन है। लेकिन स्वामी को इसकी परवाह नहीं है।

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हाल ही में जब रघुराम राजन के बाद उन्होंने अरविंद सुब्रमण्यम पर निशाना साधा तो भाजपा के मंत्री महोदय समझ गए कि स्वामी उनसे सलाह लें या सूचित करें इसका उन्हें सिर्फ इंतजार ही करना होगा।  

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TAGS: subramanian swamy, RSS, सुब्रमण्यम स्वामी, आरएसएस
OUTLOOK 22 June, 2016
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