Advertisement
26 February 2020

शिवसेना ने दिल्ली हिंसा को हॉरर फिल्म की तरह बताया तो मायावती ने की सख्त कार्रवाई की मांग

PTI

उत्तर पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर बीते तीन दिनों में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है जबकि कुल 189 लोग घायल हैं। इस बीच राजनीतिक दलों की ओर से भी लगातार बयानबाजी जारी है। दिल्ली हिंसा को लेकर शिवसेना ने एक बार फिर केंद्र और केंद्रीय गृह मंत्रालय पर हमला बोला है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा है कि दिल्ली में दंगे जारी रहे, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प राजधानी का दौरा कर रहे थे। वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने उपद्रव व आगजनी की घटनाओं में भारी जान-माल की क्षति पर दुख जताते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस मामले पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भी दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा है।

शिवसेना ने दिल्ली हिंसा पर कहा कि जिस वक्त अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 'प्यार के संदेश' के साथ भारत में थे, उस वक्त जिस तरह की दिल्ली में हिंसा हुई वह एक हॉरर फिल्म की तरह है जो 1984 सिख विरोधी दंगे की याद दिलाती है। शिवसेना ने अपने संपादकीय ‘सामना’ में कहा एक तरफ दिल्ली में ट्रंप का स्वागत किया गया तो वहीं दूसरी तरफ दिल्ली की सड़कें लहूलुहान हो रही थी। इसमें आगे कहा गया कि इस हिंसा से यह संदेश जा सकता है कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था को संभालने में केन्द्र सरकार विफल रही।

हॉरर फिल्म की तरह दिल्ली का दृश्य

Advertisement

शिवसेना ने कहा कि दिल्ली में हिंसा भड़क उठी। लोग सड़कों पर तलवार, बंदूक और डंडे के साथ थे और सड़कों पर खून बह रह था। हॉरर फिल्म की तरह दिल्ली में यह दृश्य दिखा जो 1984 के सिख विरोधी दंगे की याद दिला रहा है।” इसमें आगे कहा गया है कि बीजेपी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सैकड़ों सिखों को मौत को लेकर कांग्रेस पर आरोप लगाती रही। शिवसेना ने बीजेपी के कुछ नेताओं की तरफ से धमकी और चेतावनी देने का हवाला देते हुए कहा कि इस बात को बताए जाने की जरूरत है कि अब दिल्ली में हिंसा के लिए कौन कसूरवार है।

दोषियों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई- मायावती

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर लिखा, 'दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों की हिंसा, उपद्रव और आगजनी की घटनाओं में भारी जान-माल की क्षति अति-दुखद और अति-निंदनीय है। केंद्र और दिल्ली सरकार इसे पूरी गंभीरता से लेना चाहिए।' बीएसपी की मांग है कि हिंसा की उच्चस्तरीय जांच कराकर सभी लापरवाह और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

दिल्ली हिंसा के लिए चिदंबरम ने की केंद्र सरकार की आलोचना

दूसरी तरफ, कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने दिल्ली हिंसा के लिए केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि लोगों को असंवेदनशील और अदूरदर्शी नेताओं को सत्ता में लाने की कीमत चुकानी पड़ रही है।

चिदंबरम ने ट्वीट किया कि दिल्ली में हुई हिंसा और जानमाल का नुकसान सबसे ज्यादा चौंकाने वाला है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए। हमने चेतावनी दी थी कि सीएए गहरा विभाजनकारी है। इसे निरस्त कर देना चाहिए या छोड़ दिया जाना चाहिए। लेकिन, किसी ने हमारी बात नहीं सुनी।

मृतकों की संख्या बढ़कर 20 हुई

गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भड़की सांप्रदायिक हिंसा में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर बुधवार को 20 पर पहुंच गई है। जीटीबी अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मंगलवार को मरने वाले लोगों की संख्या 13 बताई गई थी। जीटीबी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक सुनील कुमार ने बताया, 'मृतकों की संख्या आज बढ़कर 20 हो गई।' इससे पहले एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल से कम से कम चार शवों को गुरु तेग बहादुर अस्पताल लाया गया।

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Shiv Sena, Delhi violence, reminds me, anti-Sikh riots, Mayawati, demands, strict action
OUTLOOK 26 February, 2020
Advertisement