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04 November 2020

केंद्र की वजह से वित्तीय इमरजेंसी जैसे हालात, ट्रेनों की आवाजाही रूकने से कोयला-जरुरी वस्तुओं का संकट: अमरिंदर सिंह

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केंद्रीय कृषि विधेयकों के विरोध में बुधवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर पंजाब के सांसदों,मंत्रियों व विधेयकों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदंर सिंह की अगुवाई में धरना दिया। राज्य के कृषि विधेयकों को मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, उनके मंत्रियों, कांग्रेस सांसदों और विधायकों को 4 नवम्बर को राष्ट्रपति से मिलना था पर एन मौके पर राष्ट्रपति द्वारा समय न दिए जाने से धरना देकर अपनी नाराजगी जाहिर की। इससे पहले राजघाट जाकर कैप्टन अमरिंदर ने महात्मा गांधी को श्रद्वाजंलि दी। वहां धारा 144 लगाए जाने से कैप्टन के साथ कांग्रेस के सिर्फ चार सांसद ही जा पाए। धरने का संबोधित करते हुए कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि देश की सरहदों पर देश की रक्षा के निए खून बहाने वाले पंजाबी कोई खून खराबा नहीं चाहते वे सिर्फ किसानों के हकों की लड़ाई के लिए दिल्ली में राष्ट्रपति से मिलने के लिए आए थे पर उन्हें मिलने का समय नहीं दिया गया। 

कैप्टन ने कहा कि केंद्र के काले कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के 117 में से 115 विधायकों ने विधानसभा में पंजाब के अपने कृषि बिलों को  समर्थन से पारित किया है जिन्हें मंजूरी के लिए 20 अक्टूबर को पंजाब के राज्यपाल को सौंपा गया पर वे बिल राजभवन से राष्ट्रपति भवन तक नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पंजाब में मालगाड़ियों की आवाजाही रोक कर वित्तीय इमरजेंसी के हालात पैदा कर दिए हैं। 43 दिन से मालगाड़ियों की आवाजाही ठप होने से थमी कोयले की आपूर्ति से राज्य के थर्मल प्लांट में बिजली उत्पादन ठप हो गया है। तलवंडी साबो व रोपड़ थर्मल प्लांट की चार यूनिट बंद होने के बाद राजपुरा स्थित प्राइवेट थर्मल प्लांट जीवीके भी कोयला खत्म होने की वजह से मंगलवार को बंद हो गया है। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि राजुपरा के प्राइवेट थर्मल प्लांटों के लिए जाने वाली दो रेलवे लाइंस को छोड़कर प्रदेश की बाकी रेलवे लाइंस किसानों ने खाली कर दी है पर रेलवे मंत्रालय ने जानबूझ कर पंजाब में रेलवे सेवाएं बंद कर रखी हैं ताकि केंद्र के कृषि विधेयकों के विरोध से पंजाब सरकार पीछे हटे।

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(दिल्ली में धरने पर बैठे कांग्रेस नेता और संबोधित करते पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह/ फोटो- आउटलुक)

उन्होंने कहा कि रेल सेवाएं ठप होने से किसानों को यूरिया व डीएपी का संकट है और उद्योगांे को कच्चे माल,तैयार माल की आवाजाही की मुश्किल है। बारदाना खत्म होने से धान की 160 लाख टन की खरीद का उठान नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब की केंद्र सरकार के खिलाफ यह लड़ाई प्रदेश के छोटे किसानों के खातिर संघर्ष की लड़ाई है। केंद्र की सरकार नए कृषि बिलों में प्रदेश के आढ़तिए सिस्टम को खत्म कर अडानी व अंबानी जैसे कॉरपोरेट्स के हाथों मंडी िसस्टम को सौंपना चाहती है। क्या संकट के समय ये कॉरपोरेटस किसानों के साथ खड़े होंगे जैसे आढ़ती खड़े होते हैं। 

"पंजाब में अंबानी व अड़ानी को पैर नहीं रखने देंगे"

धरने में शामिल कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि मोदी सरकार जिस तरह से पंजाब के साथ व्यवहार कर रही है उससे लगता है कि पंजाब हिदुंस्तान का हिस्सा नहीं पाकिस्तान का हिस्सा है। नए कृषि बिलों के जरिए मोदी सरकार पर मंडी सिस्टम को अंबानी व अडानी समूह को सौंपे जाने का आरोप लगाते हुए सिद्धू ने चेतावनी दी कि पंजाब में अडानी व अंबानी ग्रुप को पैर नहीं रखने देंगे। उन्हाेंने कहा कि मोदी सरकार ने जीएसटी लागू करके पहले व्यापारियों पर हमला किया और अब कृषि के काले कानून लाकर गरीब किसान मजदूरों का निवाला छिनने का काम किया है। जीएसटी के 9500 करोड़ बकाया न देकर मोदी सरकार ने संघीय ढांचे पर हमला किया है। धरने में शिरोमणी अकाली दल और आम आदमी पार्टी के विधायक शामिल नहीं हुए  पर इनके बागी विधायकों में सुखपाल सिंह खेहरा और परमिंदर सिंह ढींढसा ने धरने काे संबोंधित किया।

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TAGS: Finance Emergency, Punjab, New Farm Act, नए कृषि कानून, कैप्टन अमरिंदर सिंह, पंजाब में वित्तीय आतापकाल, Punjab Chief Minister, Captain Amarinder Singh
OUTLOOK 04 November, 2020
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