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01 June 2021

ममता-मोदी सरकर की लड़ाई तू-तू, मैं-मैं में बदली, दीदी के आरोपों के बाद पीएमओ का पलटवार

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साइक्लोन यास के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल में मीटिंग की थी उसे लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच तकरार जारी है।  उसमें ममता बनर्जी और तब के चीफ सेक्रेटरी अलपन बंदोपाध्याय काफी देरी से पहुंचे और वापस भी चले गए. हालांकि, ममता बनर्जी ने कहा है कि वो इजाजत लेकर वापस गईं। केंद्र सरकार ने अलपन बंदोपाध्याय को दिल्ली तलब किया था, लेकिन ममता ने उन्हें जाने नहीं दिया। अब अलपन बंदोपाध्याय बंगाल सरकार में ममता के एडवाइज़र बन गए हैं । केंद्र ने दिल्ली में रिपोर्ट नहीं करने को लेकर अलपन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उन पर एक्शन लेने की तैयारी में हैं। इस मामले पर ममता बनर्जी की ओर से लगातार बयान दिए जा रहे हैं और केंद्र सरकार ने भी सभी पर जवाब भी दिया है। जाने ममता के बयानों को पर केंद्र ने अपने क्या तर्क दिए हैं।

1-ममता की ओर से  कहा गया कि उन्हें पीएम के कार्यक्रम और मीटिंग की जानकारी देरी से दी गई जिस पर उन्होंने अपना शेड्यूल कम किया जिस पर केंद्र का कहना है कि पीएम की यात्रा साइक्लोन यास के डैमेज को लेकर थी, ऐसे में तूफान से पहले इसे फिक्स नहीं किया ज सकता था। साइक्लोन अम्फान के समय भी यही टाइमलाइन फॉलो की गई थी।

2- ममता ने कहा कि मैंने पीएम के लिए इंतजार किया जिस पर केंद्र का कहना था कि पीएम कलईकुंडा में 1.59 बजे लैंड किए, जबकि ममता बनर्जी दोपहर 2.10 बजे वहां पर लैंड कीं। ये साफ होता है कि पीएम को ही इंतजार करना पड़ा। ये टीएमसी के सांसद के ट्वीट से साफ होता है कि जिन्होंने लिखा कि पीएम का इंतजार करना कोई बड़ी बात नहीं है. लैंडिंग के बाद सिर्फ 25 मिनट में वो पीएम से मिलीं, टमीटिंग में रहीं और वापस चली गईं।

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3-ममता का कहना था कि उनके कार्यक्रम पहले से तय थे। जरूरी नहीं है कि हर बार सीएम ही पीएम  को रिसीव करें, उसके अपने कार्यक्रम भी होते हैं जबकि केंद्र का तर्क है कि  ममता बनर्जी ने मीटिंग में शामिल होने की बात की थी, लेकिन विपक्षी नेता के शामिल होने पर वह मुकर गईं। साफ ही कार्यक्रम कोई मुख्य कारण नहीं हैं।

4- ममता ने रबा रि सागर में उन्हें पीएम का हेलिकॉप्टर लैंड करने से पहले 20 मिनट इंतजार करना पड़ा तो केंद्र कहता है कि उनसे उम्मीद की जाती है कि वो पहले ही वहा मौजूद रहें। पीएम की सुरक्षा एसपीजी के हाथ में है, जो एक प्रोफेशनल बॉडी है।

5-ममता कहती हैं कि चीफ सेक्रेटरी को लेकर जारी आदेश से वह चकित हैं, इसमें राज्य सरकार की कोई सलाह नहीं ली गई। ये संविधान का उल्लंघन है जबकि केंद्र इसे सही बताते हुए कहता है कि चीफ सेक्रेटरी ऑल इंडिया कैडर के अफसर हैं.। उन्होंने अपनी संवैधानिक ड्यूटी का पालन नहीं किया, ऐसे में पीएम को कोई प्रेंजेटेशन नहीं दी गई और ना ही बंगाल सरकार का कोई व्यक्ति मीटिंग में रहा। चीफ सेक्रेटरी का रिटायरमेंट बताता है कि ममता बनर्जी बैकफुट पर हैं।

6-ममता ने कहा कि कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने चीफ सेक्रेटरी का कार्यकाल बढ़ाया, दोनों पक्षों की रजामंदी के बाद ये फैसला लिया गया जबकि केंद्र ने राज्य सरकार के साथ मिलकर फैसला लेने की बात कही।

7-ममता ने कहा कि पीएम-सीएम की मीटिंग में एक लोकल विधायक को शामिल किया गया जिस पर  केंद्र का कहना है जिस पर आपत्ति हैं कि वह लोकल नेता नहीं बल्कि विधानसभा में विपक्ष का नेता है।

8-ममता का कहना है कि चीफ सेक्रेटरी ने मीटिंग से पहले ही इस बारे में आपके सहयोगी अधिकारी को बताया गया, लेकिन उस तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं आया जबकि केंद्र कहता है कि  ममता बनर्जी ने सिर्फ विपक्ष के नेता के कारण बैठक का बॉयकॉट किया। केंद्र ने इसमें कोई आपत्ति नहीं जताई, बल्कि रिव्यू मीटिंग के बाद पीएम को सीएम से मिलना था।

9-ममका कहती है किं मैंने मीटिंग में चीफ सेक्रेटरी के साथ प्रवेश किया, रिपोर्ट पीएम को दी और उनसे ही परमिशन लेकर दीघा के लिए रवाना हुई जबकि केंद्र का कहना है कि प्रधानमंत्री ने ममता बनर्जी को बैठक छोड़ने की परमिशन नहीं दी थी।

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TAGS: PM, Modi, West, Bengal, Mamta Banerjee, questions, Center
OUTLOOK 01 June, 2021
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