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02 November 2020

मध्य प्रदेश उपचुनाव: प्रदेश के 14 मंत्रियों की सांख दांव पर, शिवराज-सिंधिया का तय होगा राजनीतिक भविष्य

File Photo

मध्यप्रदेश विधानसभा के 28 उपचुनावों लिए प्रचार का शोर खत्म होने के बाद  घर-घर जाकर प्रचार के काम में पार्टियों ने अपनी सारी ताकत लगा दी है।  इन उपचुनावों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया का राजनीतिक भविष्य की दिशा तय होगी वहीं  सरकार के 14 मंत्रियों के भी भाग्य का फैसला 3 नवंबर को वोटिंग मशीन में बंद हो जाएगा। हालांकि इनमें से दो मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं। 

चुनावों में मंत्रियों के हारने के सिलसिला को देखते हुए इस बार इनकी किस्मत के साथ भविष्य दांव पर लगा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इनमें से कितनी मंत्री अपनी कुर्सी बचा सकते हैं, क्योंकि अधिकांश स्थानों पर इन्हें कड़ी टक्कर मिल रही है। इसमें विपक्षी उम्मीदवार ही नहीं बल्कि दल बदलने के कारण पार्टी के स्तर पर भी मुकाबला करना पड़ रहा है।

मंत्रियों के हारने का है रिकार्ड 

पिछले दो विधानसभा चुनाव का रिकॉर्ड देखें तो शिवराज सरकार के 23 मंत्रियों को जनता ने घर बैठा दिया था। वर्ष 2013 में 10 और 2018 में 13 मंत्री विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाए। इस बार 3 नवंबर 2020 को होने वाले चुनाव में 14 मंत्रियों की साख दांव पर लगी है। इसमें से 11 पर तो भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा भी दांव पर है, क्योंकि यह उनके कहने पर ही पार्टी बदलकर भाजपा में आए हैं।
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सिंधिया के मुख्य सेनापति 

 
तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, प्रभु राम चौधरी, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, गिर्राज दंडोतिया, ओपीएस भदौरिया, सुरेश धाकड़, बृजेंद्र सिंह यादव, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, एदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल सिंह और हरदीप सिंह डंग पर सबकी नजर रहेगी। हालांकि यह अपने बयानों को लेकर भी विवादों में रह चुके हैं।

वोटों का गणित साधने की कोशिश

कांग्रेस से भाजपा में गए 25 पूर्व विधायकों के सामने फिर से विधायक बनने के रास्ते में सबसे बड़ी चुनौती खुद को मिले वोटों के अंतर को पाटना है, जो उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में भाजपा उम्मीदवारों से अधिक मिले थे। इस मामले में सबसे कम चुनौती उन पूर्व विधायकों के सामने हैं, जो 2000 से कम मतों से जीते थे। इनमें मंत्री हरदीप सिंह डंग की जीत सबसे छोटी थी और वह 350 मतों से जीते थे। उसके बाद मांधाता के नारायण पटेल 1236 और नेपानगर की सुमित्रा देवी 1256 मतों से जीती थी।

 
सबसे बड़ी जीत दर्ज कराने वालों में डबरा से बतौर कांग्रेस उम्मीदवार इमरती देवी 57466 तथा बदनावर से राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव 41506 वोटों से जीते थे। इसी प्रकार अन्य पूर्व विधायक भी जो भारी मतों से जीते थे, उनके सामने मतों के अंतर को पाटना और उसके बाद उस पर बढ़त लेना होगा तब ही उनके फिर विधायक बनने के अरमान पूरे हो सकेंगे।
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TAGS: Madhya Pradesh, By-election, मध्य प्रदेश, मध्य प्रदेश उपचुनाव, शिवराज सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, Shivraj Singh, Jyotiraditya Scindia
OUTLOOK 02 November, 2020
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