Advertisement
14 March 2018

नतीजों से खिले चेहरे, सपा-बसपा की दोस्ती रंग लाई

ANI

कहावत है, राजनीति में कोई न तो स्थायी दुश्मन होता और न दोस्त। उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के सपा नेता राम गोविंद चौधरी ने बसपा प्रमुख मायावती का अभिभादन किया तो उनके खिले चेहरों ने भविष्य की राजनीति के संकेत भी दिए। फूलफुर और गोरखपुर लोकसभा उप-चुनाव के नतीजों ने साफ कर दिया है कि अगर 2019 में लोकसभा चुनावों में पीएम मोदी का विजय रथ रोकना है तो साथ-साथ चलना होगा।

मिले मुलायम-कांशीराम, हवा में उड़ गए जय श्रीराम...! 1993 में कांशीराम-मुलायम सिंह की दोस्ती के बाद यह नारा लगा था। नजीता यह हुआ था कि दलित और पिछड़ी जातियों की गोलबंदी से सपा-बसपा गठबंधन की सरकार बनी। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उप-चुनाव में भी सपा और बसपा की दोस्ती रंग लाती नजर आई। इन उपचुनावों में जातीय समीकरण हावी दिखा है लेकिन इससे यह भी साफ हो रहा है कि सपा-बसपा मिल जाएं तो भाजपा को हराना आसान है।


Advertisement

सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा है कि सपा-बसपा का गठबंधन असर लाया। ऐसा नहीं होता तो नतीजे अच्छे नहीं होते। सियासी जानकारों की मानें तो गोरखपुर और फूलपुर में सपा को बसपा के समर्थन का असर साफ देखा जा सकता है। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 2019 में दोनों पार्टियां मंच साझा करेंगी क्योंकि अगर इस दोस्ती से योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र में भाजपा का तिलिस्म टूटा है तो फिर दूसरी जगहों पर तो यह और कारगर साबित हो सकता है।

गोरखपुर भाजपा की पारंपरिक सीट मानी जाती रही है तो फूलपुर में कांग्रेस और समाजवादियों का कब्जा रहा है। 2014 की मोदी लहर में पहली बार फूलपुर में भाजपा जीती थी,  लेकिन इस बार सपा को बसपा का समर्थन मिलने के बाद स्थितियां पहले जैसी नहीं रहीं। दोनों सीटों पर सत्तारूढ़ भाजपा ने पूरी ताकत झोंक रखी थी ताकि यहां पर हार का गलत संदेश न जाए लेकिन अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर सवाल उठना भी लाजिमी है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: LOP, SP, BSP, Mayawati
OUTLOOK 14 March, 2018
Advertisement