Advertisement
06 March 2018

देश के कानून मंत्री यूपीए सरकार की 'गोल्ड नीति' पर गुमराह कर रहे हैंः कांग्रेस

File Photo

कांग्रेस ने कहा है, देश के कानून मंत्री यूपी सरकार की गोल्ड नीति पर गलतबयानी कर देश का बैंक घोटालों से ध्यान भटकाना चाहते हैं। यूपीए शासन की गोल्ड नीति देश हित और फायदे वाली थी लेकिन मौजूदा सरकार के शासन में जिस रह कुछ ज्वैलर्स ने बैंकों को चूना लगाया है, वह सवालों के घेरे में हैं। क्या ज्वैलर्स कारोबार से जुड़े सभी लोगों को इस तरह का सरकारी संरक्षण मिलता है?


कांग्रसी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा, ‘ 22 जुलाई 2013 के आरबीआई के सर्कुलर में साफ था कि आयात का 80 फीसदी भारत के जेवरात बनाने वाले उद्योग को मिले और 20 फीसदी अनिवार्य रूप से वेल्यू एडीशन होकर केवल निर्यातक को मिले। जो कंपनी सोने को देश में लाती हैं उनको अगले आयात की मंजूरी तब मिलेगी जब वह पहले 20 फीसदी निर्यात का प्रमाण पत्र देंगे। यह किसी को खुली छूट नहीं दी गई बल्कि पाबंदी लगी। सर्कुलर में नोमिनेटेड एजेंसी ही मंगवा सकती हैं यह कहा गया था। इसमें देश के चंद बैंक एसबीआई और पीएसयू जो स्टेट ट्रेडिंग कारपोरेशन एसटीसी और एमएमटीसी थी। इसके अलावा किसी को मंजूरी नहीं थी। 

Advertisement

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, कांग्रेस शासन की गोल्ड नीति देशहित में थी न किसी के फायदे के लिए। देश के कानून मंत्री को मालूम होना चाहिए नीति किसी कंपनी या कारोबारी के लिए बनती बल्कि यह देश के लिए बनती हैं। अब कानून मंत्री बैंक घोटोलों से ध्यान भटकाने के लिए बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।  अब केंद्र ने खुली छूट दे दी है। देश के कानून मंत्री गुमराह करने के बजाय देश को लूटने से बचाएं। सवाल यह है कि मेहूल चोकसी को पीएम के घर के अंदर कौन लेकर आया था? 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: congress, UPS, gold police, misguide, law minister, यूपीए शासन, यूपीए
OUTLOOK 06 March, 2018
Advertisement