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18 September 2024

जम्मू-कश्मीर चुनाव: उमर अब्दुल्ला ने नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन की जीत की उम्मीद जताई

नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को उम्मीद जताई कि जम्मू-कश्मीर के मतदाता ‘‘अपने वोट बंटने नहीं देंगे’’ साथ ही उन्होंने आगाह किया कि घाटी में कई निर्दलीय उम्मीदवार इसी इरादे से चुनाव लड़ रहे हैं कि वोट बंटे।

अब्दुल्ला ने ‘पीटीआई-वीडियो’ को कहा, ‘‘लोगों को यह बात (बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने की) ध्यान रखनी होगी, क्योंकि अधिकतर उम्मीदवार कश्मीर में हैं। ऐसा लगता है कि यह वोट और लोगों को बांटने का प्रयास है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि मतदाता इस बात का ख्याल रखेंगे और इस चुनाव में अपने वोट बंटने नहीं देंगे।’’

नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि लोग चुनाव पूर्व गठबंधन नेकां-कांग्रेस के पक्ष में मतदान करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि मतदान नेकां-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में होगा, लेकिन फैसला मतदाताओं को करना है। इस गठबंधन में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का एक सदस्य भी शामिल है। हमने जम्मू-कश्मीर के लिए अगले पांच वर्ष का अपना एजेंडा मतदाताओं तक ले जाने की कोशिश की है, देखते हैं क्या होता है।’’

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पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव बहुत अहम हैं। जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद चुनाव हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इन चुनावों के बारे में हम जितनी बातें करें वह कम होगी। चुनाव 10 साल बाद हो रहे हैं और इन 10 साल में काफी कुछ बदल गया है। जम्मू-कश्मीर दो हिस्सों में बंट गया है। लद्दाख हमसे अलग हो गया है। हमें केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है जबकि हम समझ नहीं पा रहे हैं कि इससे हमें क्या लाभ होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में पांच अगस्त, 2019 को क्या हुआ था, उसे हम भूले नहीं हैं। इसलिए यह हर मायने में बेहद अहम चुनाव है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बृहस्पतिवार को यहां होने वाली रैली का चुनावों पर कोई असर पड़ेगा, इस पर अब्दुल्ला ने कहा कि इसका कश्मीर घाटी में कोई असर नहीं पड़ेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर में कोई असर नहीं पड़ेगा। कश्मीर में अगर एक सीट पर भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कड़ी टक्कर दे तो बहुत बड़ी बात है। चुनाव प्रधानमंत्री की यात्रा के बिना अधूरा होगा, लेकिन इसका यहां सीटों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।’’

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा था कि नेकां और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने अपने अपने घोषणापत्रों में अनुच्छेद 370 को बहाल करने का वादा किया लेकिन भाजपा इसे होने नहीं देगी। शाह की इस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर नेकां उपाध्यक्ष ने कहा कि कई मुद्दों पर सरकार की अनुमति की जरूरत नहीं होती है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि वहां किसकी सरकार है लेकिन हमें धमकी देने की क्या जरूरत है? ऐसी कुछ चीजें हैं जिनके लिए सरकारी की मंजूरी की जरूरत नहीं होती है, जैसे कि यह चुनाव। यह चुनाव इसलिए नहीं हो रहा है कि सरकार ऐसा चाहती है। अगर यह उन पर निर्भर होता, तो यह चुनाव नहीं हो पाता।’’

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TAGS: Jammu and Kashmir elections, Omar Abdullah, Hope for victory, National Conference, Congress alliance
OUTLOOK 18 September, 2024
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