Advertisement
02 April 2019

मोदी के समर्थन वाले बयान पर फंसे कल्याण सिंह, चुनाव आयोग ने माना आचार संहिता का उल्लंघन

File Photo

हाल ही में राजस्‍थान के राज्‍यपाल कल्‍याण सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में बयान देकर मुश्किल में आ गए हैं। कल्याण सिंह के इस बयान पर चुनाव आयोग सख्‍त हो गया है। आयोग की एक टीम ने कल्‍याण सिंह के इस बयान को चुनाव आचार संहिता के खिलाफ माना है। सिंह के इस बयान को विपक्षी दलों ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करार देते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की थी। इन शिकायतों पर विचार करने के बाद आयोग कल्याण सिंह की शिकायत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से करेगा। 

राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के बयान पर चुनाव आयोग ने नाराजगी जाहिर करते हुए इस मामले की शिकायत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को करेगी। कल्याण सिंह संवैधानिक पद पर हैं, इसलिए उनके संबंध में कोई भी फैसला राष्ट्रपति ही ले सकते हैं। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि चूंकि सिंह एक संवैधानिक पद पर हैं, इसलिए चुनाव आयोग राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस संबंध में पत्र लिखेगा।

नेताओं की टिप्पणियों पर चुनाव आयोग की नजर

Advertisement

लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान नेताओं की टिप्पणियों पर चुनाव आयोग लगातार नजर बनाए हुए है और उसकी कोशिश चुनाव के दौरान आचार संहिता बनाए रखने की है। इस बीच राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के एक बयान को लेकर चुनाव आयोग बेहद सख्त हो गया है और इसकी शिकायत राष्ट्रपति से करने की तैयारी में है।

जानें क्या बोले थे कल्याण सिंह

कल्याण सिंह ने बीती 23 मार्च को कहा था, हम सब भाजपा कार्यकर्ता हैं और चाहते हैं कि भाजपा विजयी हो। हम मोदीजी को एक बार फिर देश का प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं। यह देश के लिए बहुत अहम है। कल्याण सिंह की तरफ से दिए गए इस तरह के बयान पर बवाल मचा हुआ है। दरअसल, कल्याण सिंह राज्यपाल हैं और ऐसे किसी संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति किसी पार्टी या व्यक्ति के पक्ष में बयान नहीं दे सकता है।

इस मामले का संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव आयुक्त से रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि कल्याण सिंह ने खुद को एक भाजपाई बताया था।

सिंह के बयान पर इन लोगों ने जताया ऐतराज

कल्याण सिंह के बयान पर ऐतराज जताते हुए राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा था, 'कल्याण सिंह जी के प्रति हमारे मन में पूरा सम्मान है। वह संवैधानिक पद पर हैं और गवर्नरों से यह उम्मीद की जाती है कि वे पक्षपात पूर्ण रवैया नहीं अपनाएंगे।' सूबे के डेप्युटी सीएम सचिन पायलट ने कल्याण सिंह के बयान को संवैधानिक जिम्मेदारी के विपरीत और उसका उल्लंघन करार दिया था। उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि गवर्नर खुद को बीजेपी का कार्यकर्ता बता रहे हैं।

आचार सहिंता के उल्लंघन का ये दूसरा मामला

यह दूसरी बार है जब चुनाव आयोग ने किसी राज्यपाल को आचार सहिंता का उल्लंघन करते पाया है। इससे पहले 1993 में हिमाचल के राज्यपाल गुलशेर अहमद को अपने बेटे सैय्यद अहमद के लिए चुनाव प्रचार करते पाया गया था। इसके बाद अहमद ने पद से इस्तीफा दे दिया था।

ऐसा है कल्याण सिंह का राजनीतिक सफरनामा

कल्याण सिंह 24 जून 1991 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद उन्होंने इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए 6 दिसंबर 1992 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। 1993 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अतरौली और कासगंज से विधायक निर्वाचित हुए। कल्याण सिंह 21 सितंबर 1997 से 12 नवंबर 1999 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Election Commission, Rajasthan Governor, Kalyan Singh, remarks supporting, return of PM Modi, violative of poll code, lok sabha elections
OUTLOOK 02 April, 2019
Advertisement