पत्रकार की गिरफ्तारी और पिटाई पर बोली कांग्रेस, योगी राज में नहीं है लोकतंत्र की कोई जगह
उत्तर प्रदेश में पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी के बाद एक पत्रकार की पिटाई का मामला सामने आया है। ताजा मामला राज्य के शामली जिले का है, जहां पटरी से उतरी मालगाड़ी की कवरेज करने गए एक पत्रकार की पिटाई कर दी गई। मारपीट का आरोप जीआरपी कर्मचारियों पर लगा है। पत्रकार की पिटाई मामले को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोला है। पार्टी ने कहा कि यूपी में कानून-व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है, अपराधी बेलगाम है और बर्बरता जारी है।
इस घटना के बाद जीआरपी के एसएचओ और कॉन्स्टेबल सस्पेंड
हालांकि पिटाई करने के आरोप में जीआरपी के एसएचओ राकेश कुमार और कॉन्स्टेबल संजय पवार को सस्पेंड कर दिया गया है। पत्रकार ने आरोप लगाया है कि पुलिसवाले उनसे कैमरा छीनने लगे और कैमरा नीचे गिर गया। वह कैमरा उठाने के लिए झुके तो सादी वर्दी में एक पुलिसवाले ने पिटाई शुरू कर दी और गालियां देने लगे।
कांग्रेस ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के माध्यम से यूपी में पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी और शामली में पत्रकार की पिटाई करने के मामले में राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस ने कहा, पहले एक पत्रकार की अवैध गिरफ्तारी और अब एक पत्रकार की बेरहमी से पिटाई। यूपी में कानून-व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है, अपराधी बेलगाम है और बर्बरता जारी है। @myogiadityanath के राज में लोकतंत्र की कोई जगह नहीं है!
पीड़ित ने पुलिस पर लगाए ये आरोप
इस घटना के बारे में पीड़ित पत्रकार अमित शर्मा ने बताया कि पिटाई करने के बाद पुलिसकर्मियों ने उसे हिरासत में ले लिया। हिरासत में लेने के बाद उनके कपड़े उतार दिए गए और उनके मुंह में पेशाब किया गया। आरोप है कि पुलिसकर्मी सादी वर्दी में थे और उन्होंने घटनास्थल पर ही गाली गलौज और मारपीट शुरू कर दी। पिटाई की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
योगी के खिलाफ 'आपत्तिजनक पोस्ट' मामले में पत्रकार प्रशांत को किया गया था गिरफ्तार
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सोशल मीडिया पर 'आपत्तिजनक पोस्ट' करने के मामले में पत्रकार प्रशांत कनौजिया को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि इस मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रशांत को तत्काल रिहा करने का आदेश दे दिया। यही नहीं मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने यूपी पुलिस को फटकार भी लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर उन्हें किन धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है। कोर्ट ने कहा कि कनौजिया को तत्काल रिहा किया जाना चाहिए, लेकिन उन पर केस चलता रहेगा।
कोर्ट ने कहा- प्रशांत को गिरफ्तार किस आधार पर किया गया था?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'प्रशांत कनौजिया ने जो शेयर किया और लिखा, इस पर यह कहा जा सकता है कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। लेकिन, उसे गिरफ्तार किस आधार पर किया गया था?' सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आखिर एक ट्वीट के लिए उनको गिरफ्तार किए जाने की क्या जरूरत थी।
प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी पर क्या बोले थे राहुल गांधी
राहुल गांधी ने अपने बारे में फैलाए जाने वाले 'दुष्प्रचार' का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘अगर मेरे खिलाफ आरएसएस-भाजपा प्रायोजित विषैले दुष्प्रचार चलाने और गलत रिपोर्ट देने के लिए पत्रकारों को जेल में डाला जाए तो ज्यादातर अखबारों और समाचार चैनलों को बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की कमी का सामना करना पड़ सकता है।'
राहुल गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मूर्खतापूर्ण ढंग से व्यवहार कर रहे हैं। गिरफ्तार किए गए पत्रकारों को रिहा करने की जरूरत है।