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16 April 2022

देश में सांप्रदायिक हिंसा और हेट स्पीच को लेकर विपक्ष के बड़े नेताओं ने केंद्र को ठहराया जिम्मेदार, साझा बयान कर कही ये बात

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देश में हेट स्पीच और सांप्रदायिक हिंसा के मामलों को लेकर 13 विपक्षी दलों के नेताओं ने ‘हिंसा और घृणा भाषण’ की हालिया घटनाओं पर चिंता जताते हुए शनिवार को सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि इन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी इस बात का प्रमाण है कि ऐसी घटनाओं को आधिकारिक संरक्षण प्राप्त है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी समेत संयुक्त विपक्ष ने साझा बयान जारी कर देश से शांति बनाए रखने की अपील की है।

विपक्षी नेताओं ने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने और सांप्रदायिक हिंसा के अपराधियों को कड़ी सजा देने की संयुक्त अपील जारी की। अपील में कहा गया है कि सत्तारूढ़ ताकतों द्वारा समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए जिस तरह से जानबूझकर खानपान, पोशाक, आस्था, त्योहारों और भाषा से संबंधित मुद्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है, उससे हम बेहद आक्रोशित हैं। देश में दिनोंदिन बढ़ती हेट स्पीच के मामलों को लेकर हम बेहद चिंतित हैं क्योंकि ऐसा करने वालों को सरकारी संरक्षण प्राप्त है और इन लोगों को खिलाफ को सार्थक कार्रवाई नहीं की जा रही है।

कहा गया है कि हाल ही में देश के कई राज्यों में सांप्रदायिक घटनाएं हुई है।. हम इसको लेकर बेहद चिंतित हैं, क्योंकि इन सभी घटनाओं का पैटर्न एक ही तरह का है। धार्मिक जुलूस से पहले आग लगाने वाले नफरत भरे भाषण दिए जा रहे हैं। नफरत फैलाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। हम इस तरह के मामलों पर पीएम मोदी की चुप्पी से हैरान हैं। यह चुप्पी इस तथ्य का स्पष्ट प्रमाण है कि इस तरह की निजी सशस्त्र भीड़ को सरकारी संरक्षण हासिल है।

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक नेता एमके स्टालिन, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, राजद नेता तेजस्वी यादव, भाकपा महासचिव डी राजा, फॉरवर्ड ब्लॉक के देवव्रत विश्वास, आरएसपी के महासचिव मनोज भट्टाचार्य, आईयूएमएल के महासचिव पीके कुनालिकुट्टी और भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने यह साझा अपील की है।

अपील में कहा गया है कि हम अपने दृढ़ विश्वास को दोहराते हैं कि हमारा देश तभी समृद्ध होगा जब वह अपनी कई विविधताओं का सम्मान, समायोजन और जश्न मनाएगा। हम सभी वर्गों से शांति बनाए रखने और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को तेज करने की इच्छा रखने वालों के भयावह उद्देश्य को विफल करने की अपील करते हैं। हम देश भर में अपनी सभी पार्टी इकाइयों से शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए स्वतंत्र रूप से और संयुक्त रूप से काम करने का आह्वान करते हैं।

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OUTLOOK 16 April, 2022
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