Advertisement
09 May 2019

23 मई को चुनाव नतीजे आने में होगी देरी, इस खास वजह से बढ़ेगा इंतजार

File Photo

लोकसभा चुनाव 2019 में जनता किस पार्टी को चुनेगी और केंद्र में किसकी सरकार बनेगी, इसका इंतजार पूरे देश को है। यह इंतजार 23 मई को तब खत्म हो जाएगा जब चुनाव आयोग वोटों की गिनती करेगा और नतीजे घोषित करेगा। लेकिन मतगणना के दिन भी फाइनल रिजल्ट आने के लिए और ज्यादा इंतजार करना पड़ेगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि इस बार ईवीएम के वोटों का वीवीपैट से मिलान किया जाना है।

इस संबंध में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने 'आउटलुक' बताया कि लोकसभा सीटों पर हुए मतदान के जो नतीजे 23 मई को घोषित किए जाएंगे उसमें कई कुछ ही घंटों का फर्क आएगा। उन्होंने बताया कि इसकी बड़ी वजह ये है कि ईवीएम के वोटों से वीवीपैट का मिलान किया जाना है, जिसमें थोड़ा वक्त लगेगा जिसकि वजह से चुनाव के परिणाम आने में दो से तीन घंटे का फर्क आएगा।

सुप्रीम कोर्ट का ये है आदेश

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग अब देशभर में 20600 वीवीपैट की पर्चियों का औचक मिलान ईवीएम से करेगा। कोर्ट के आदेश से पहले यह संख्या 4120 थी। सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल को इस मामले पर सुनवाई के दौरान हर संसदीय क्षेत्र के हर विधानसभा सीट के पांच बूथ पर ईवीएम से वीवीपैट के मिलान का आदेश दिया है।

राजनीतिक दलों के नेताओं ने की थी मांग

21 राजनीतिक दलों के नेताओं ने लगभग 6.75 लाख ईवीएम की वीवीपैट पर्चियों से मिलान की मांग की थी। विपक्षी नेताओं का सुप्रीम कोर्ट में कहना था कि उन्हें 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की गिनती से चुनाव नतीजे में देर होने पर आपत्ति नहीं है। 21 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने कहा है कि 50 फीसदी ‘वीवीपैट’ पर्चियों की गिनती किए जाने पर लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा में छह दिनों की देर होने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह कोई ‘गंभीर विलंब’ नहीं है, बशर्ते कि यह चुनाव प्रक्रिया की पवित्रता सुनिश्चित करती हो।

17.4 लाख वीवीपैट का हो रहा इस्तेमाल

इस बार के लोकसभा चुनाव में 10.35 मतदान केंद्र देशभर में बनाए गए हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में यह संख्या 9.28 लाख थी। इस बार चुनाव में 39.6 लाख ईवीएम और 17.4 लाख वीवीपैट का इस्तेमाल हो रहा है।

लोकसभा चुनाव में ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीनों का भी इस्तेमाल

बता दें कि मौजूदा लोकसभा चुनाव में ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीनों का भी इस्तेमाल किया गया है। जिससे वोट डालने पर पर्ची भी निकलती है। ऐसे में जब 23 मई को वोटों की गिनती की जाएगी तो ईवीएम में पड़े वोटों से पर्चियों का मिलान भी किया जाएगा। ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद चुनाव आयोग ने ईवीएम के साथ वीवीपैट लगाने का फैसला किया था।

अब दो चरण के चुनाव और बाकी हैं

बहरहाल, पांच चरणों का मतदान पूरा हो चुका है। अब दो चरण के चुनाव और बाकी हैं। ऐसे में मौजूदा चुनाव के लिहाज से विपक्षी दलों की इस मांग का चुनाव आयोग पर कितना असर होता है, ये चर्चा का विषय है। लेकिन आयोग ने वीवीपैट के चलते नतीजों में देरी होने की बात जरूर मानी है यानी 23 मई को चुनाव नतीजों का इंतजार करने वाले लोगों को थोड़ा और ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है।

क्या होता है वीवीपैट मशीन

वोटर वेरीफाइड ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीन ईवीएम से जुड़ी होती है। जब मतदाता ईवीएम पर बटन दबाता है तब वीवीपैट मशीन से एक पर्ची निकलती है जिस पर उस पार्टी का चुनाव निशान और उम्मीदवार का नाम होता है जिसे मतदाता ने वोट दिया होता है। मतदाता को सात सेकेंड तक दिखने के बाद यह वीवीपैट मशीन में एक बक्से में गिर जाती है।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: the results, Lok Sabha elections 2019, coming, 23rd May, will be delayed, 2-3 hours
OUTLOOK 09 May, 2019
Advertisement