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05 March 2021

दीदी एक तीर से साध रही हैं कई निशाने, साथी दूर होने से छलका कांग्रेस का दर्द

बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी को समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल और शिवसेना का समर्थन प्राप्त हो गया है यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है क्योंकि बंगाल में वामदलों के साथ कांग्रेस पार्टी दीदी के खिलाफ चुनाव लड़ रही है। चाहे चाहे राष्ट्रीय जनता दल और शिवसेना हो यह सभी दल कांग्रेस खेमे के हैं। ऐसे में जहां महाराष्ट्र में उसके समर्थन से सरकार चला रही है वहीं राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। ऐसे में इन दोनों प्रमुख दलों का कांग्रेश के साथ ना होना देश की सबसे पुरानी पार्टी के लिए बड़ा झटका है।

इसीलिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि जिन दलों ने ममता का साथ दिया है उन्होंने शायद तृणमूल कांग्रेस की तानाशाही नहीं देखी है। लेकिन कांग्रेस को टीएमसी का इतिहास पता है।

असल में छोटे दल इस रणनीति पर काम कर रहे हैं कि बंगाल में चुनावी लड़ाई टीएमसी बनाम भाजपा ही है ऐसे में कांग्रेस के साथ देने से छोटे दलों को कोई बहुत फायदा नहीं मिलने वाला है साथ ही छोटे दल ममता का साथ देकर गैर कांग्रेसी मोर्चे की भी संभावना तलाश रहे हैं जो कि तीसरे मोर्चे का भी रूप ले सकता है हालांकि यह सब इस बात पर निर्भर करेगा कि बंगाल चुनाव में ममता कितनी ताकतवर होकर वापसी करती हैं साथ ही कांग्रेस का प्रदर्शन कैसा रहता है।

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कुल मिलाकर छोटे दलों ने बंगाल में भाजपा को हराने के लिए ममता पर भरोसा जताया है और उनके भरोसे में वाहन दाल और कांग्रेस नजर नहीं आते हैं।

राष्ट्रीय जनता दल और समाजवादी पार्टी के बाद शिवेसना ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को अपना समर्थन देते हुए कहा कि वह पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। ममता बनर्जी को ‘बंगाल की असली शेरनी’ बताते हुए शिवसेना ने तृणमूल कांग्रेस से एकजुटता दिखाने का संकल्प लिया। इससे पहले पार्टी ने कहा था कि वह राज्य में चुनावी मुकाबले में उतरेगी। शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने एक ट्वीट कर इसकी घोषणा की। उन्होने कहा कि पार्टी अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ चर्चा के बाद यह फैसला किया गया। राउत ने कहा कि इस वक्त ‘‘दीदी बनाम अन्य सभी’’ का मुकाबला लग हो रहा है।

हालांकि पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि दूसरे राज्यों के क्षेत्रीय दलों द्वारा बनर्जी को समर्थन देने का फैसला उनकी धारणा पर आधारित है और वह उन्हें दोष नहीं देंगे। उन्होंने कहा, “अलग-अलग धारणाएँ हैं। बंगाल में हमारे जैसे दल टीएमसी के अत्याचारों और आतंक के शिकार हैं। हमारा दर्द अलग है। टीएमसी ने जिस तरह का आतंक फैलाया है, उसे देखते हुए हमारे जैसे दलों के लिए बंगाल में रहना मुश्किल है। ' उन्होंने कहा कि शिवसेना, सपा या राजद जैसी पार्टियों ने तृणमूल के अत्याचारों का सामना नहीं किया है । इसलिए धारणाएं अलग हैं। ”

 

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TAGS: ममता बनर्जी, शिवसेना, आरजेडी, सपा, कांग्रेस, पश्चिम बंगाल, Mamta Banerjee, Shiv Sena, RJD, SP, Congress, West Bengal
OUTLOOK 05 March, 2021
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