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04 March 2021

नीतीश चल रहे हैं दांव पर दांव, बीजेपी के सबसे बड़े वोटर में सेंध लगाने की तैयारी

पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन करने के बाद से ही जदयू में संगठनात्मक परिवर्तन की प्रक्रिया चल रही है। इसी सिलसिले में अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी भाजपा के कोर वोटर्स पर सेंध लगाने में जुट गई है। जदयू ने पहली बार सवर्ण प्रकोष्ठ का गठन किया है। सामान्य तौर पर सवर्णों को भाजपा का समर्थक माना जाता है। राज्य और केंद्र, दोनों में भाजपा और जदयू साथ में मिलकर सरकार चला रहे हैं।

हिंदुस्तान के अनुसार, सवर्ण प्रकोष्ठ के गठन पर पार्टी के नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार के 15 वर्ष के काम को बता कर उच्च जाति के लोगों को पार्टी के नजदीक लाना ही मुख्य उदेश्य है। साथ ही उनकी राय और आकांक्षाओं के बारे में भी पार्टी को जानकारी मिलेगी। डॉ नीतीश कुमार 'विमल' को सवर्ण प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बनाया गया है। विमल जदयू के गठन के वक्त से ही पार्टी में हैं और उससे पहले 1994 से वे समता पार्टी में थे।

नीतीश कुमार विमल ने कहा कि जदयू में पहली बार सवर्ण प्रकोष्ठ बनाया गया है। पहले सभी दलों में सिर्फ उन्हीं जातियों के लिए प्रकोष्ठ थे, जिन्हें संविधान से आरक्षण मिला हुआ है। अब उच्च जाति के गरीब लोगों को भी 10 फीसदी आरक्षण मिल गया है। ऐसे में पार्टी के अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने उनके लिए भी एक प्रकोष्ठ बनाने का फैसला लिया।

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विमल ने कहा कि सवर्ण प्रकोष्ठ के माध्यम से हम उच्च जाति के लोगों से बातचीत करेंगे और उनकी परेशानियों और मुद्दों को जानेंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सरकार के समावेशी विकास का लाभ उन तक भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि हम इस प्रकोष्ठ को गांव, पंचायत और ब्लॉक स्तर तक ले जाएंगे। आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में उच्च जाति के लोग जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह की मौजदूगी में पार्टी में शामिल होंगे।

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TAGS: सवर्ण प्रकोष्ठ, बिहार, नीतीश कुमार, जेडीयू, बीजेपी, Savarna Cell, Bihar, Nitish Kumar, JDU, BJP
OUTLOOK 04 March, 2021
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