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14 October 2017

मुझे लगा सोनिया गांधी मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति और मुझे प्रधानमंत्री बनाएंगी: प्रणब मुखर्जी

File Photo

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। मनमोहन सिंह ने कहा कि 2004 में प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री पद के लिए उनसे बेहतर उम्मीदवार थे। प्रणब मुखर्जी इस पद के लिए हर लिहाज से मुझसे बेहतर थे, लेकिन वह (प्रणब मुखर्जी) जानते थे कि मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता था। मेरे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि पर सोनिया गांधी ने उन्हें पीएम पद के लिए चुना।

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मुखर्जी की किताब 'द कोलिशन इयर्स' (1996-2012) के विमोचन कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, सीताराम येचुरी समेत कई बड़े नेता की मौजूदगी में मनमोहन सिंह ने कहा कि प्रणब दा अपनी मर्जी से राजनेता बने थे। इसलिए वो पीएम के लिए बेहतर उम्मीदवार थे।

प्रणब दा ने अपनी किताब में किए कई खुलासे

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पूर्व राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी नई किताब 'द कोलिशन इयर्स' में यूपीए दौर के कई राज से पर्दा उठाया है। इसमें एक बेहद अहम हिस्सा वो है जहां वे ये बताते हैं कि उन्हें उम्मीद थी, सोनिया गांधी उन्हें प्रधानमंत्री बनाएंगी। इस किताब में मुखर्जी ने 2012 के राष्‍ट्रपति चुनाव से पहले के वाकये का जिक्र करते हुए लिखा, 2 जून 2012 को वह कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के लिए गए। उस वक्‍त राष्‍ट्रपति चुनाव की सरगर्मियां तेज हो चुकी थीं। मीटिंग के दौरान सोनिया गांधी ने कहा, 'प्रणबजी आप इस पद के लिए सबसे योग्‍य शख्‍स हैं, लेकिन आपको यह नहीं भूलना चाहिए कि सरकार चलाने में आपकी भूमिका बेहद अहम है। लिहाजा कोई वैकल्पिक नाम सुझाएं?'

प्रणब मुखर्जी ने लिखा, 'मीटिंग खत्‍म होने के बाद मुझे लगा कि सोनिया गांधी यूपीए के राष्‍ट्रपति पद के प्रत्‍याशी के लिए मनमोहन सिंह के नाम पर विचार कर रही हैं। मैंने सोचा कि यदि मनमोहन सिंह को राष्‍ट्रपति बनाया जाएगा, तो वह मुझे प्रधानमंत्री पद के लिए चुन सकती हैं। उन्होंने लिखा, मैंने इस बारे में भी चर्चा सुनी कि कौशांबी पहाड़ियों में छुट्टियां बिताने के दौरान भी उन्‍होंने इस विचार पर मंथन किया था।'

'हमारे रिश्तों में कभी कोई अंतर नहीं आया'

मनमोहन सिंह ने अपने बारे में कहा कि उनका राजनीति में आना महज एक इत्तेफाक था।  हालांकि मनमोहन सिंह ने अपनी अपनी विवशता का जिक्र करते हुए कहा कि प्रणब मुखर्जी पीएम पद के लिए बेहतर उम्मीदवार थे, लेकिन उस वक्त उनके पास कोई और विकल्प नहीं था। अचानक पीएम बनाए जाने के फैसले को याद करते हुए सिंह ने कहा, 'प्रणब मुखर्जी राजनीति में मुझसे हर लिहाज से सीनियर थे, लेकिन मुझे चुना गया। इसके बावजूद हमारे रिश्तों में कभी कोई अंतर नहीं आया।' 

प्रणब दा को बताया संकटमोचक

इस दौरान पूर्व पीएम सिंह ने मुखर्जी को न सिर्फ पार्टी का, बल्कि सरकार का भी संकटमोचक करार दिया। उनका कहना था कि जब भी पार्टी या सरकार में कोई समस्या आती या हम कहीं अटकते तो प्रणब मुखर्जी का अनुभव और समझदारी पार्टी के लिए सबसे ज्यादा मददगार होती। साथ ही, उन्होंने भारतीय राजनीति और संसद में मुखर्जी के जबरदस्त मैनेजमेंट क्षमता का भी सराहना की। 

युवा नेताओं के लिए परीक्षा के नोट्स जैसी उपयोगी साबित होगी यह किताब

इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद अखिलेश यादव ने अपने संक्षिप्त भाषण में कहा कि प्रणब दा की यह किताब युवा राजनेताओं के लिए परीक्षा के नोट्स जैसी उपयोगी साबित होगी। हाल ही में सपा के अध्यक्ष चुने गए अखिलेश यादव ने कहा कि आगे होने वाले गठबंधन के लिए काफी उपयोगी साबित होने वाली है प्रणब दा की किताब

प्रणब मुखर्जी की स्मरण शक्ति हाथी जैसी

वहीं, येचुरी ने कहा कि प्रणब मुखर्जी की स्मरण शक्ति हाथी जैसी है, जो कुछ नहीं भूलते। मजाकिया लहजे में येचुरी ने कहा कि प्रणव मुखर्जी में एक नहीं बल्कि दो-दो हाथियों की स्मरण शक्ति है। 

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TAGS: Sonia Gandhi, manmohan singh, President, PM, Pranab Mukherjee
OUTLOOK 14 October, 2017
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