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07 February 2020

बोडो समझौते पर असम में बोले पीएम, सीएए पर फैल रहे भ्रम में न रहें, बाहर से कोई आकर नहीं बसेगा

ANI

बोडो समझौते पर हस्ताक्षर को लेकर नरेंद्र मोदी शुक्रवार को असम के कोकराझार में एक सभा को संबोधित किया। उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “मैं उन सभी का स्वागत करता हूं जो बोडो भूमि आंदोलन का हिस्सा थे और अब मुख्यधारा में शामिल हुए हैं। पांच दशकों के बाद पूरे सद्भाव के साथ, बोडो भूमि आंदोलन से जुड़े हर साथी की उम्मीदों और आकांक्षाओं का सम्मान किया गया है। उन्होंने कहा, “आज ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (एबीएसयू), नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी), बीटीसी चीफ हाग्रामा मोहिलरी और असम सरकार से संबंधित सभी युवाओं के समर्थन को स्वीकार करने का दिन है, जिन्होंने इस समझौते के लिए अहम भूमिका निभाई है।” पीएम ने कहा, “मैं आज असम के हर साथी को ये आश्वस्त करने आया हूं कि असम विरोधी, देश विरोधी, इस तरह की हर मानसिकता को, इसके समर्थकों को, देश बर्दाश्त न करेगा, न माफ करेगा यही ताकतें हैं जो पूरी ताकत के साथ असम और नॉर्थईस्ट में भी अफवाहें फैला रही हैं कि सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए) की वजह से यहां बाहर के लोग आ जाएंगे, आकर बस जाएंगे। मैं असम के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि ऐसा भी कुछ नहीं होगा।”

‘डंडा’ वाले बयान पर किया कटाक्ष

जनसभा में पीएम मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान पर निशाना साधते हुए कहा, “कभी कभी लोग डंडा मारने की बात करते है। लेकिन जिस मोदी को इतनी बड़ी मात्रा में माता एवं बहनों का सुरक्षा कवच मिला हो। उस पर कितना भी डंडा गिर जाए, उसको कुछ नहीं होता।” आगे उन्होंने कहा, “पूर्वोत्तर, जहां हजारों लोग हिंसा के कारण अपने ही देश में शरणार्थी बन गए। उन्हें अब पूरे सम्मान के साथ यहां बसने के लिए नई सुविधाएं दी जा रही हैं।”

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‘इतना काम पहले कभी नहीं हुआ’

पीएम ने कहा, “नए रेलवे स्टेशन हों, नए रेलवे रूट हों, नए एयरपोर्ट हों, नए वॉटरवे हों, या फिर इंटरनेट कनेक्टिविटी। आज जितना काम नॉर्थईस्ट में हो रहा है, उतना पहले कभी नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि जब बोगीबील पुल जैसे दशकों से लटके अनेक प्रोजेक्ट पूरे होने से लाखों लोगों को कनेक्टिविटी मिलती है, तब उनका सरकार पर विश्वास बढ़ता है। यही वजह है कि विकास के चौतरफा हो रहे कार्यों ने अलगाव को लगाव में बदलने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।”

‘चुना शांति का मार्ग’

उन्होंने कहा कि आज देश में हमारी सरकार की ईमानदार कोशिशों की वजह से ये भावना विकसित हुई है कि सबके साथ में ही देश का हित है। इसी भावना से कुछ दिन पहले ही गुवाहाटी में 8 अलग-अलग गुटों के लगभग साढ़े 6 सौ कैडर्स ने शांति का रास्ता चुना। 

क्या है बोडो समझौता

बोडो समझौता केंद्र सरकार और असम की बोडो जनजाति से जुड़े कुछ उग्रवादी संगठनों के साथ बीते 27 जनवरी को हुआ है। असम की बोडो जनजाति से जुड़े ये उग्रवादी काफी लंबे अरसे से अलग बोडोलैंड की मांग कर रहे थे। अलग बोडोलैंड की मांग को लेकर इन्होंने कई बार हिंसक विरोध प्रदर्शन और आगजनी और बम विस्फोट किए। इसकी वजह से  पिछले तीन दशक से असम में अलग बोडोलैंड की मांग को लेकर उपद्रव हो रहा था।

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TAGS: PM Modi, addressed, public meeting, kokrajhar, Assam, Bodo assignment
OUTLOOK 07 February, 2020
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