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03 September 2018

मध्य प्रदेश कांग्रेस का फैसला, टिकट देने से पहले गिनेंगे फेसबुक-ट्विटर पर कितने हैं फॉलोअर्स

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दिन करीब आ रहे हैं। इस दौरान राजनीतिक पार्टियों के बीच सक्रियता भी बढ़ गई है। सड़क हो या सोशल मीडिया हर पहलुओं को ध्यान में रखकर चुनाव जीतने की रणनीतियां तैयार होने लगी है। इस बीच कांग्रेस के मीडिया सेल ने एक नया फरमान जारी कर दिया है जिसमें कहा गया है कि विधानसभा चुनाव में टिकट देने से पहले फेसबुक और ट्विटर पर उनकी सक्रियता का आकलन किया जाएगा।

मीडिया सेल ने फॉलोअर्स की संख्या भी तय कर दी है। और इसके लिए 15 सितंबर की समय सीमा निश्चित की है। इससे पहले टिकट के दावेदारों को रिपोर्ट देनी होगी।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, टिकट के दावेदारों के साथ ही वर्तमान विधायक और प्रदेश पधादिकरियों से भी सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता की रिपोर्ट मांगी गई है और यह कहा गया है कि फेसबुक पेज पर 15 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स और ट्विटर पर पांच हजार फॉलोअर्स होने चाहिए। इसके साथ ही व्हाट्सएप के ग्रुप भी होने चाहिए जिसमें बूथ लेवल के कार्यकर्ता जुड़े हों।

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गौरतलब है कि पिछले दिनों मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ अपनी ही सोशल मीडिया टीम से नाराज हो गए थे। पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने अपनी सोशल मीडिया टीम से नाखुशी जाहिर की है। कमलनाथ की नाराजगी के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस आईटी विभाग में बड़ा बदलाव किया गया था। आईटी आईटी विभाग अध्यक्ष धर्मेंद्र वाजपेई को हटाकर उनकी जगह अभय तिवारी को अध्यक्ष बना दिया गया है। इसके बाद कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम सक्रिय दिखाई दे रही है।

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TAGS: Madhya Pradesh Congress Committee, social media, followers, target, ticket aspirants candidates
OUTLOOK 03 September, 2018
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