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05 May 2020

कोरोना सकंट पर राहुल- अभिजीत के बीच चर्चा, लोगों को आर्थिक मदद देकर मांग सुधारें

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा है कि कमजोर मांग आने वाले समय में बड़ी चुनौती होगी, इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों के हाथ में पैसा देकर मांग सुधारना बेहतर कदम होगा। इसके अलावा मौजूदा संकट के दौर में हर किसी को टेंपरेरी राशन कार्ड दे देना चाहिए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ चर्चा में बनर्जी ने यह सुझाव दिया है। कांग्रेस ने करीब 27 मिनट का वीडियो जारी किया है, जिसमें राहुल गांधी और बनर्जी ने मौजूदा कोरोना संकट के कारण देश की अर्थव्यवस्था के सामने उत्पन्न चुनौतियों पर चर्चा की है।

60 फीसदी गरीबों को ज्यादा पैसा दिया जाए

बनर्जी का कहना है कि टेंपरेरी राशन कार्ड का इस्तेमाल आम लोगों को मनी ट्रांसफर और गेहूं-चावल देने में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में मांग बढ़ाने के लिए 60 फीसदी सबसे गरीब लोगों को ज्यादा पैसा दिया जाए तो यह अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। इससे अर्थव्यवस्था को फायदा ही होगा। इससे कोई नुकसान होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि आधार के जरिये पीडीएस सुलभ कराने से गरीबों की तमाम दिक्कतें कम हो सकती हैं। अभी भी बड़ी संख्या में गरीबों को इसका फायदा नहीं मिल रहा है।

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अमेरिका से सीखे भारत

अभिजीत बनर्जी का कहना है कि कोरोना के अप्रत्याशित संकट के समय में भी हम जीडीपी के मुकाबले एक फीसदी राशि राहत पैकेज पर खर्च करने के बारे में बात कर रहे हैं जबकि अमेरिका अपनी जीडीपी के मुकाबले 10 फीसदी खर्च करने की घोषणा कर चुका है। बनर्जी ने कहा कि मांग सुधारने के लिए नागरिकों के हाथ में ज्यादा पैसा देने के लिए भारत को अमेरिका, जापान और यूरोप से सीखना चाहिए। अमेरिका ने अपने यहां नागरिकों को कई बड़े पैकेजों की घोषणा की है। नोबेल पुरस्कार विजेता ने कहा कि भारत को राहत पैकेज की आवश्यकता है। अभी तक जो वित्तीय पैकेज दिया गया है, वह संकट और चुनौतियों को देखते हुए पर्याप्त नहीं है।

आशावादी माहौल बनाए रखें

अर्थव्यवस्था की चर्चा करते हुए बनर्जी ने कहा कि हमें लॉकडाउन के बाद आर्थिक रफ्तार की बहाली के लिए आशावादी माहौल बनाए रखने का प्रयास करना होगा। सकारात्मक माहौल से भी हम जल्दी मौजूदा संकट से उबर सकते हैं। अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए खर्च करना सबसे आसान और प्रभावी तरीका है। व्यय से अर्थव्यवस्था पर तुरंत असर दिखाई देगा। एमएसएमई पर उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लिए अभी कोई निश्चित लक्ष्य देना सही नहीं होगा। मांग में सुधार लाने के लिए हर किसी को पैसा देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में कमजोर मांग बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। ऐसे में लोगों के हाथ में पैसा देकर मांग सुधारना सबसे प्रभावी और आसान तरीका रहेगा।

न्याय स्कीम का लाभ सभी को दें

राहुल गांधी ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस की प्रस्तावित न्याय स्कीम के अनुरूप लोगों को नकद सहायता देने की आवश्यकता है, इस पर बनर्जी ने सकारात्मक जवाब देते हुए कहा कि इस स्कीम को सिर्फ गरीबों तक ही सीमित नहीं रखा जाना चाहिए। देश की 60 फीसदी आबादी को इसका लाभ देने में कोई बुराई नहीं है। चर्चा में राहुल गांधी ने कहा कि राज्यों को लॉकडाउन के बारे में फैसला करने की अनुमति दी जानी चाहिए। हर राज्य की अपनी आवश्यकताएं और चुनौतियां हैं। वे ही उसे बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।

लोन वापसी पर रोक अच्छा कदम, सरकार भरे तीन माह की किस्तें

उन्होंने कहा कि सरकार ने लोन की वापसी पर मोरेटोरियम लगाने का फैसला किया है, वह अच्छा कदम है। लेकिन सरकार को इससे आगे सोचना होगा। सरकार को एक तिमाही के कर्ज भुगतानों को माफ कर देना चाहिए। इसकी जिम्मेदारी खुद सरकार को उठानी चाहिए। अभी सरकार ने सिर्फ भुगतान पर रोक लगाई है। लोगों को कर्ज का भुगतान पूरे ब्याज के साथ आगे करना होगा।

कंपनियों के दिवालिया होने का गंभीर खतरा

कोविड-19 का संकट गुजरने के बाद की आर्थिक चुनौतियों पर उन्होंने कहा कि देश में कारोबारों के दिवालिया होने का दौर शुरू हो सकता है। ऐसे में काफी कर्जों को बट्टे खाते में डालने की आवश्यकता पड़ सकती है। लॉकडाउन पर बनर्जी ने कहा कि हमें लॉकडाउन खत्म करने पर फैसला करने से पहले कोरोना वायरस के आगे संक्रमण को रोकने की रणनीति पर विचार करना होगा।

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TAGS: Rahul Gandhi, stimulus package, Abhijit Banerjee, coronavirus
OUTLOOK 05 May, 2020
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